Rahul Gandhi Congress

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​FLOP ***** (News Rating Point) 28.02.2014
जो लोग यह सोचते होंगे कि मई में लोकसभा चुनाव पिटने के बाद लगातार विधानसभा चुनावों में हार का मुंह दिख रही कांग्रेस के लिए क्या इससे भी बुरी खबर कोई हो सकती है, तो उनको जवाब राहुल गांधी ने दे दिया. टीवी चैनलों से अखबारों तक और फेसबुक से लेकर ट्विटर तक सब जगह चर्चा में रहे राहुल गांधी. द वाशिंगटन पोस्ट में रमा लक्ष्मी ने लिखा- Why Indians won’t let Rahul Gandhi vacation in peace. और इस खबर लोकसभा हार से लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस का हश्र बताया.
हिंदुस्तान अखबार लिखता है- संसद के बजट सत्र और भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की खबरों के बीच कथित तौर से नाराज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर चले गए हैं. नई दुनिया ने लिखा- भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर बजट सत्र में सरकार को घेरने निकली कांग्रेस के पैरों तले जमीन निकल गयी है. नई दुनिया ने अपनी वेबसाइट पर खुलासा किया है कि राहुल गांधी बैंकाक गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या राहुल गांधी के न रहने से फर्क पड़ेगा ! मई में लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी शायद ही कभी एक्शन में नज़र आये. सोलहवीं लोकसभा में राहुल गांधी की 65 प्रतिशत उपस्थिति रही है. उन्होंने एक भी सवाल नहीं उठाये, एक भी चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और एक
भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया. His party still trying to pick upits pieces after its worst electoral drubbing, Congress vice-president Rahul Gandhi today went on a break for a “few weeks” — the “leave of absence” from “active politics” was granted by his mother and Congress president Sonia Gandhi. प्रभात खबर लिखा- कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत प्राप्त राहुल गांधी ही अब कार्यकारी रूप से पार्टी का कामकाज देखते हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भी करारी हार मिली. पार्टी के नेता भी इशारों में बार-बार उंगली उठा रहे हैं. ऐसे में उनके लिए आत्मचिंतन करने जाना कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति की एक अहम परिघटना है. दैनिक ट्रिब्यून ने लिखा-  वह इस बात से भी खफा हैं कि उनके पास अंतिम फैसला करने का अधिकार नहीं है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक के बाद एक मिली हार के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. राजस्थान पत्रिका ने लिखा- छुट्टी पर सेनापति, बैकफुट पर कांग्रेस. बजट सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है और ऎसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बजट सत्र शुरू होने से एकदिन पहले छुट्टी पर जाने के फैसला से सभी हैरान नजर आ रहें हैं​.​​
सभी चैनलों पर यह आंकलन चलता रहा कि राहुल गांधी कहाँ गये.​​​ फिर सभी चैनलों ने चलाया राहुल गांधी उत्तराखंड में. बाद में कांग्रेस के हवाले से कहा जगदीश शर्मा का दावा गलत. इग्लैंड के अखबार डेली मेल ने 25 फरवरी को लिखा- Congress general secretary Digvijaya Singh tweeted: “If Rahul wans to reflect what went wrong why criticise him? Every one wants some peace to reflect. Only timing could have been better. अमर उजाला- संसद के बजट सत्र से ठीक पहले राहुल गांधी के अचानक छुट्टी पर जाने की नौबत सिर्फ एक दिन में नहीं आई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष के कई फैसलों को लंबे समय से पलटा जा रहा था. पार्टी में सोनिया की करीबी एक ताकतवर बुजुर्ग लॉबी राहुल के फैसलों को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लगातार उलट रही थी. नवभारत टाइम्स- राहुल नॉट रीचेबल- कांग्रेस में असमंजस, क्या कहें, क्या न कहें.. मंजरी चतुर्वेदी ने अपनी खबर में लिखा- राहुल गांधी के छुट्टी पर जाने का कांग्रेस मंगलवार को भी बचाव करती दिखी. सोमवार को जहां कांग्रेस राहुल की छुट्टियों को कुछ हफ्तों का बता रही थी, वहीं मंगलवार को वह दो हफ्तों की छुट्टी की बात स्वीकारती नजर आई. कांग्रेस महासचिव और राहुल समर्थक नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर राहुल की इस छुट्टी की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए. तो 26 को अमर उजाला ने छापा- भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार व दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने संसद के बजट सत्र में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के छुट्टी पर जाने से जुड़े सवाल पर कहा ‘राहुल गांधी अविवाहित बच्चा है, उसे बैंकाक और पटाया घूमने दें. उसके लिए परेशान न हों.’ 26 फरवरी को छपी कुछ खबरों की शीर्षक भी जान लीजिये. नवभारत टाइम्स ने पेज एक पर खबर छापी- सोनिया, राहुल बिना कांग्रेस आंदोलित. 26 दिसंबर को दैनिक जागरण में प्रदीप सिंह का एक लेख- राहुल का पलायनवाद छपा. इसमें राहुल गांधी के तौरतरीकों, सियासत और रणनीति की धज्जियां उड़ाई गयी.​ ​कलमनाथ का बयान भी चर्चित हुआ-​ राहुल को पार्टी में पूरी आज़ादी नही- कलमनाथ ने कहा एक ही पार्टी में फैसले लेने वाले दो नहीं हो सकते –  अब राहुल गांधी को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी जानी चाहिए. अखबार एक खबर से पते हुए थे- राहुल आखिर हैं कहाँ, कांग्रेस में अटकलें. टाइम्स ऑफ़ इंडिया- Cong falling between two stools, says Kamal Nath. टाइम्स की ही एक और खबर- Where is Rahul Gandhi? Three days after he went on leave, the Congress heir apparent’s seat of introspection continued to stoke speculation with `WhereIsRahul’ trending on Twitter on Wednesday. यानी जब राहुल भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध के जरिये कांग्रेस को और खुद को जनता के नज़दीक ले जा सकते थे, वह खुद ही खबर बन गए. ज़ाहिर है इन खबरों ने राहुल की रेटिंग को एकदम निचले पायदान पर पहुंचा दिया.

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