HIT **** (News Rating Point) 05.11.2016
बहुजन समाज पार्टी का एक प्रमुख चेहरा बनने की वजह से इस सप्ताह अफजल सिद्दीकी चर्चा में रहे. अखबारों ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती मुस्लिमों को अपने साथ लेने के लिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे अफजल सिद्दीकी की मदद ले रही हैं. 28 साल के अफजल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा के प्रचार में लगे हुए हैं. वे मुजफ्फरनगर दंगों और शामली व दादरी में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारने के मुद्दों के जरिए सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हें. अपनी रैलियों में वे कहते हैं, ”समाजवादियों का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है. उनके पास मत जाओ. ना भूले हैं ना भूलनें देंगे. आप लोगों को लव जिहाद और गौ हत्या के नाम पर पीटा गया. अब एक होने का समय है. यह आपकी मौजूदगी की लड़ाई है.” अफजल चार साल पहले मायावती के साथ हुए थे. 2012 विधानसभा चुनावों में मायावती की रैलियों की जिम्मेदारी उनके पास ही थी. हालांकि बसपा को उस समय हार झेलनी पड़ी थी लेकिन अफजल के सांगठनिक कौशल से मायावती काफी प्रभावित हुईं थी.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)