Akhilesh Yadav Samajwadi Party

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HIT *** (News Rating Point) ​07.03.2015​
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद बता दिया कि तमाम विकास के काम, सकारात्मक राजनीतिक गतिविधियाँ होने के बावजूद उनकी रेटिंग डाउन होने की वजह क्या होती है. अमर उजाला ने एक मार्च को लिखा- अपराधों से दब रहा विकास : अखिलेश- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की कानून-व्यवस्था को लेकर आईपीएस अफसरों को आईना दिखाया. पुलिस वीक के दूसरे दिन अपने आवास पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में उन्होंने राजधानी में शुक्रवार को दिनदहाड़े ट्रिपल मर्डर और 51 लाख रुपये की लूट की वारदात का हवाला देते हुए कहा कि सूबे में विकास के काफी काम हो रहे हैं, लेकिन ऐसी वारदात के कारण ये सभी दब जाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को बेहतर कानून-व्यवस्था उपलब्ध कराना तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सरकार के प्रयासों से निवेशकों में प्रदेश की अच्छी छवि बनी है, लेकिन इसे कायम रखने के लिए कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखना होगा. हिन्दुस्तान का शीर्षक था- अपराध बिगाड़ रहे हैं सरकार की छवि. इसी तरह की खबरें तमाम अखबारों में छपीं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने दो मार्च को लिखा- `Good balancing act will always keep you on top’ – “Cycling and politics are identical, if you learn it once you will never forget it in your life. However, both require a good balancing act to stay at the top,“ said chief minister Akhilesh Yadav while inaugurating newly designed cycle track opposite his official residence on Kalidas Marg in the city on Sunday morning. अमर उजाला- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि साइकिल और राजनीति एक बार सीख लें तो कभी भूल नहीं सकते. हां, बैलेंस तो बनाना ही पड़ता है. साइकिल में भी राजनीति की तरह बैलेंस जरूरी है. उन्होंने राजधानी के साथ आगरा में भी साइकिल ट्रैक बनवाने का ऐलान किया. कहा, पर्यावरणीय मंजूरी मिली तो चंबल के किनारे-किनारे आगरा से लॉयन सफारी तक भी साइकिल ट्रैक बनवाएंगे. मुख्यमंत्री पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर शहर के चार साइकिल ट्रैकों के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. दैनिक जागरण- राजनीति और साइकिल चालाना ताउम्र रहता है याद. हिंदुस्तान- साइकिल चलाना राजनीति जैसा- सीएम
बेमौसम बरसात पर भी मुख्यमंत्री के निर्देश यूपी के अखबारों में सुर्ख़ियों में आये. अमर उजाला ने तीन मार्च को लिखा- सीएम ने फसलों के नुकसान पर मंगाई रिपोर्ट- बारिश और ओले से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी जिलाधिकारियों को किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है. उन्होंने हिदायत दी कि इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही नुकसान संबंधी रिपोर्ट भी तलब की है. फिर अगले दिन लिखा- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विपक्ष पर करारा हमला बोला. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आंखें मूंदकर चलते हैं, उन्हें प्रदेश में विकास नहीं दिखता. प्रदेश में निवेश बढ़ा है, उद्योगपति आ रहे हैं. राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम कर रही है. बसपा सरकार में राजनीतिक लाभ के लिए योजनाएं चलती थीं और सपा सरकार प्रदेश को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए योजनाएं चला रही है. मुख्यमंत्री के जवाब के साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया. इस खबर को तकरीबन सभी अखबारों में तवज्जो दी गयी. नवभारत टाइम्स ने लिखा- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र से पैसा मिले या न मिले, हम मेट्रो का काम रुकने नहीं देंगे. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने यूपी में निवेश के लिए बेहतर माहौल दिया है. इंडियन एक्सप्रेस- Centre’s lack of support will not halt developmeent in UP: Akhilesh- Blames media to not giving enough coverage to govt’s work on law and order. हिंदुस्तान- मेट्रो का काम नहीं रुकेगा:सीएम. पांच मार्च को अखिलेश के सैफई के कार्यक्रम को अखबारों ने जगह दी- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देशभर में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जहां जनता को सबसे सस्ते इलाज की सुविधा मिल रही है. वह गुरुवार को सैफई पंडाल में स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
लेकिन क़ानून व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, आज़म खां प्रकरण और कैलाश चौरसिया पर निर्णय न लेने की वजह से मुख्यमंत्री के हिट स्टार कम रहे. लूट, हत्या, बलात्कार की खबरें लगातार बनी रहीं. अमर उजाला ने पांच मार्च को छापा-  रायपुर थाना क्षेत्र के सिकरवार गांव में मंगलवार की रात अबूझ हाल में होलिका जलने के बाद बुधवार को बवाल हो गया. ग्रामीणों ने दलित विप्पत को बंधक बनाने के बाद उसका सिर मुड़वाकर गांव में घुमाया. एक खबर और चर्चा में आयी- छेड़खानी से आजिज आकर बीटेक की छात्रा ने जान दी. इसी तरह की तमाम खबरें लगातार टीवी और अखबारों में नजर आती रहीं. अमर उजाला ने पांच मार्च को छापा- बाल पुष्टाहार एवं बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया के भाग्य का फैसला अब हाईकोर्ट करेगा. वाराणसी में भारत-नेपाल मैत्री बस, लोहिया ग्रामीण बसों का शुभ्‍ाारंभ करने आए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अपने खिलाफ हुई सजा के फैसले को कैलाश चौरसिया बड़ी अदालत में चुनौती देंगे. अदालत का जो भी फैसला होगा उसका सम्मान किया जाएगा. लेकिन चौरसिया को न हटाये जाने की खबर भी उनकी छवि के लिए अच्छी नहीं नज़र आयी. अखबारों ने लिखा- बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को तीन साल की सजा मिलने के बाद भी सरकार द्वारा उन्हें न हटाने की शिकायत राज्यपाल राम नाईक से की गई है. शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर अपने मंत्री को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. राज्यपाल को भेजी शिकायत में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा है कि कानूनी दृष्टि से मंत्री नहीं रहने के बावजूद मुख्यमंत्री कैलाश चौरसिया को नहीं हटा रहे हैं.

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