Azam Khan Samajwadi Party

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FLOP ** (News Rating Point) 12.11.2016
बुलंदशहर गैंगरेप मामले में बेतुकी ‘बयानबाज़ी’ पर सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह यूपी के मंत्री आजम खान को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने आज़म खान को अपने बयान पर सफाई देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी. दरअसल इस साल 30 जुलाई को यूपी के बुलंदशहर में हाइवे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. घटना पर बेहद हल्का बयान देते हुए आज़म खान ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया. इसी बयान को आधार बनाकर गैंगरेप की 13 साल की नाबालिग पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. पीड़िता की मांग है कि आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. कोर्ट ने अगस्त में आज़म को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. लेकिन सितंबर में हुई सुनवाई को उनकी तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ. इस पर कोर्ट ने सीबीआई के वकील को उन्हें अदालती कार्रवाई की जानकारी देने को कहा था. आखिरकार, आज़म खान की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए. दो जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस दीपक मिश्रा ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए पहले पेश न होने की वजह पूछी. जस्टिस मिश्रा ने कहा, “आखिर नोटिस मिलने के बाद भी प्रतिवादी की तरफ से कोई वकील पेश क्यों नहीं हुआ? एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कोर्ट की कार्रवाई को इस तरह हल्के में कैसे ले सकता है?” सिब्बल ने इस पर खेद जताते हुए कहा कि वो अब आज़म खान का पक्ष रखेंगे. सिब्बल ने कहा कि जिस बयान का हवाला दिया जा रहा है, वो उन्होंने दिया ही नहीं था. इस पर भड़कते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा, “आप ये कहना चाहते हैं कि सभी अखबारों और चैनलों ने गलत खबर चलाई. हम सबको नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं.” कोर्ट के तेवर से सकते में आए सिब्बल ने बात संभालते हुए कहा कि वो बयान से इंकार नहीं कर रहे. लेकिन उसका गलत मतलब निकाला गया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि फिर आप अपने बयान का मतलब समझाते हुए हलफनामा दाखिल कीजिए.

(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)

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