HIT *** (News Rating Point) 29.10.2016
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की इटावा में सफल रैली के चलते बसपा में से भाजपा में शामिल हुए ब्रजेश पाठक का ग्राफ इस सप्ताह बढ़ा नज़र आया. सपा के गढ़ में इस रैली को सफल रैलियों में गिना जा रहा है. नवभारत टाइम्स ने लिखा कि यहां बीजेपी को ऐसा फेस चाहिए था जो ब्राह्मणों को बीजेपी के पक्ष में खड़ा कर सके. बीजेपी जॉइन करने से पहले ब्रजेश पाठक बीएसपी के ब्राह्मण फेस थे. ब्राह्मणों को बीएसपी से जोड़ने में उन्होंने अहम रोल अदा किया था, जिसकी वजह से 2007 में बीएसपी सत्ता में आई और मायावती सीएम बनीं. ऐसे में पाठक के सहारे बीजेपी ब्राह्मणों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करना चाहती है. क्योंकि बीएसपी और कांग्रेस लगातार प्रदेश में ब्राह्मणों को जोड़ने का अभियान चला रहीं हैं. इस तरह से अमित शाह की यह रैली ब्रजेश पाठक के लिए बहुत बड़ा इम्तिहान सरीखा थी. यह बात अलग है कि खुद ब्रजेश पाठक इसे संगठन की कामयाबी बता रहे हैं.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)