FLOP **** (News Rating Point) 23.07.2016
समाजवादी पार्टी में लगातार दो दशक से ज्यादा समय तक कोषाध्यक्ष के पद पर रहे डा.चंद्रपाल सिंह यादव पद से हटाये जाने की वजह से चर्चा में रहे. अखबारों ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी लोगों में रहे हैं राज्यसभा सदस्य डा.चंद्रपाल सिंह यादव. वह शुरुआती दौर से ही मुलायम सिंह यादव से जुड़े हुए हैं. उनकी कृपा के कारण ही चंद्रपाल सिंह ने राजनीति की तमाम ऊंचाइयां हासिल कीं. एक बार तो चंद्रपाल सिंह विधानसभा का चुनाव हार गए थे और प्रदेश में मुलायम की सरकार बन गई. तब चंद्रपाल का रुतबा बढ़ाने के लिए उन्होंने एक सभा में उन्हें मिनी मुख्यमंत्री बता दिया था. तब से राजनीति में उनका कद मुलायम ने कभी घटने नहीं दिया. मुलायम सिंह यादव ने चंद्रपाल को बुंदेलखंड में पार्टी का सर्वमान्य नेता बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्हें पीसीएफ का चेयरमैन बनाकर लालबत्ती दिलाई. इसके बाद वह सपा के कार्यकाल में हुए चुनाव में गरौठा क्षेत्र से विधायक बने. इसके अलावा डा.चंद्रपाल सिंह यादव पीसीएफ के अध्यक्ष के बाद करीब छह लाख सोसायटी वाली संस्था कृभको के चेयरमैन बने. इसी बीच पार्टी ने उन्हें झांसी-ललितपुर क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़ाया और वह 2004 में जीतकर संसद पहुंचे. फिर 2009 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने चंद्रपाल सिंह यादव को बबीना विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा. हालांकि, उन्हें इस चुनाव में कामयाबी नहीं मिली. इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजकर उनका रुतबा बनाए रखा.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)