Dr Laxmikant Bajpai BJP

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HIT * (News Rating Point) 21.02.2014
इस हफ्ते लक्ष्मीकांत वाजपेयी जिस वजह से चर्चा में आये वो था दो संतानों के जन्म की सीमा का कानून बनाने के लिए विधानसभा में निजी विधेयक लाने की बात. 18 फरवरी को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लखनऊ संस्करण में राजीव श्रीवास्तव की यह लीड छापी- UP BJP president to bring pvt bill pushing two-child norm – Violators Should Not Be Given Govt Job, Says Bajpayi- At a time when some members of the saffron family are advocating as many as 14 children per Hindu family , state Bharatiya Janata Party chief Laxmikant Bajpayi has submitted a private member bill advocating twochild norm.While the leaders like minister Sadhvi Niranjan Jyoti and MP Sakshi Maharaj have of late been exhorting Hindus to have more and more kids and Sadhvi Prachi even felicitated those having more than four children, the bill to be tabled by Bajpayi says those having more than two children should be deprived of major government benefits. ज़ाहिर है चार बच्चे और दस बच्चे के बयानों के बीच इस खबर ने अपनी एक अलग जगह बनायी. लेकिन वह अपनी ही पार्टी में निशाने पर आ गए. 19 फरवरी को अमर उजाला ने छापा- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी बड़पोलेपन में अपनी ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर आ गए. दो संतानों के जन्म की सीमा का कानून बनाने के लिए विधानसभा में निजी विधेयक लाने की बात पर विधानमंडल की बैठक में उनसे सवालों की ऐसा झड़ी लग गई कि जवाब देते नहीं बना. विधानमंडल के नेता सुरेश खन्ना सहित कई अन्य प्रमुख विधायकों ने किसी फोरम पर चर्चा हुए बगैर इस तरह का विधेयक लाने की घोषणा को पार्टी की हंसी कराने वाला करार दिया. अखिलेश सरकार पर इस सप्ताह वाजपेयी ने जमकर हमला बोला. 16 फरवरी को दैनिक जागरण में छापा- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा आइएएस वीक के दौरान रिश्वत लेने वाले जिस अधिकारी की वीडियो क्लीपिंग होने की जानकारी दी गयी. उसका नाम सार्वजनिक किया जाए और उस पर कार्रवाई नहीं करने की वजह भी जनता को बतायी जाए. 19 फरवरी को जागरण ने लिखा- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधानसभा के बजट सत्र में यादव सिंह प्रकरण पर सपा सरकार की बचाव वाली नीतियों का पर्दाफाश करने के साथ ही भ्रष्टाचार विरोधी जारी रखने का एलान किया है. 18 फरवरी को भाजपा ने सदन में आज़म के खिलाफ मोर्चा खोला. अगले दिन अमर उजाला ने लिखा- आजम के मुद्दे पर विपक्ष ने नहीं चलने दी कार्यवाही- राज्यपाल के खिलाफ काबीना मंत्री आजम खां की बयानबाजी से नाराज भाजपा ने बुधवार को मोर्चा खोल दिया. बजट सत्र के पहले दिन भाजपा विधायकों ने न केवल सदन का बहिष्कार किया बल्कि आजम खां की मंत्री पद से बर्खास्तगी की भी मांग की. हिन्दुस्तान ने आज़म बयान प्रकरण पर वाजपेयी का बयान छापा- मुख्यमंत्री ही करा रहे हैं विरोध- अगर ऐसा न होता तो मंत्रिमंडल से हटा देते.पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटेगी भाजपा- जैसी खबरों ने वाजपेयी की एनआरपी बढ़ाई तो 16 को दैनिक जागरण में छपी खबर- अनुशासन तोड़ने वालों पर सख्ती करने से कतरा रही भाजपा में बड़बोले नेता नेतृत्व का सिरदर्द बने हैं. जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी रहे कई नेताओं को चेतावनी दी गई परन्तु कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटायी जा रही. इसका नतीजा यह है कि निचले स्तर की बैठकों में भी दिल्ली की शिकस्त के बहाने नेतृत्व की नीति पर सवाल उठ रहे हैं. मसलन, लखनऊ के जिला उपाध्यक्ष ने नेतृत्व को आत्ममंथन की सलाह दे डाली तो हापुड़ में किसान मोर्चा की बैठक में पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का मुद्दा उठा. इसी क्रम में एक प्रकोष्ठ में राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी रहे मेरठ के एक नेता द्वारा जारी बयान में नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया गया. एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने भी कार्यकर्ता और नेताओं की दूरियां बढ़ने का सवाल उठाकर नेतृत्व की परेशानी बढ़ा दी.

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