Gayatri Prasad Prajapati Samajwadi Party

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​FLOP *** (News Rating Point) 28.02.2014
आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार और जांच की खबरें गायत्री प्रजापति का पीछा नहीं छोड़ रही हैं. प्रमुख अखबार और प्रांतीय चैनलों पर किसी न किसी रूप में गायत्री प्रजापति आते रहे. 25 फरवरी को अमर उजाला ने छापा- पहले से ही अवैध खनन व आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में लोकायुक्त की जांच के दायरे में आए खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर नया आरोप लगा है.
​​लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने कहा है कि खनन मंत्री उनके समेत जांच प्रक्रिया से जुड़े अन्य लोगों पर चौतरफा दबाव बना रहे हैं. हालांकि, लोकायुक्त ने इस आरोप को असत्य बताया कि खनन मंत्री ने उन्हें किसी तरह की धमकी दी है. असल में मंगलवार को कुछ समाचार चैनलों ने यह प्रसारित किया था कि खनन मंत्री ने लोकायुक्त को धमकी दी है. अमर उजाला ने ही लिखा- गायत्री के खिलाफ एक और शिकायत- खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की लोकायुक्त के यहां एक और शिकायत आई है. शिकायत करने वाले अमेठी के अभय राज यादव ने लोकायुक्त कार्यालय में कई भूखंडों की रजिस्ट्री व बैनामे के दस्तावेज भी संबद्ध किए हैं. शिकायतकर्ता का आरोप है कि 30 मार्च 2012 के बाद से गायत्री प्रजापति व उनके परिवार के सदस्यों के नाम से बड़ी तादाद में आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गई है. शिकायत में यह भी कहा है कि अमेठी के पसगवां, सरवनपुर, बघरिया, जायस और महमूदपुर में बड़ी संख्या में बेनामी संपत्ति खरीदी गई है. नवभारत टाइम्स ने 25 फरवरी को लिखा- खनन मंत्री के खिलाफ एक और शिकायत- लखनऊ: प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ बुधवार को एक और शिकायत लोकायुक्त के यहां दाखिल की गई. शिकायत में खनन मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति और अवैध खनन का आरोप लगाया गया है. गायत्री के खिलाफ लोकायुक्त के यहां शपथ पत्र के साथ दाखिल होने वाली यह चौथी शिकायत है. उधर, वाणिज्यकर आयुक्त ने लोकायुक्त के सामने स्वीकार किया कि वाणिज्य कर बाजार के बिक्री मूल्य पर लिया जा रहा है.
27 फरवरी को अमर उजाला ने लिखा- अवैध खनन को लेकर जारी लोकायुक्त की जांच में नियमों का उल्लंघन कर कमाई गई करोड़ों की रकम को बेनामी संपत्ति में लगाने की परतें खुलने लगी हैं. कानपुर में करोड़ों की लागत से बन रही एक बहुमंजिला इमारत के बारे में हमीरपुर के खनन कारोबारी दिनेश मिश्रा ने कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के अधिकारियों को बताया है. उसका कहना है कि उक्त संपत्ति कामालिकाना हक उसका है. दिनेश मिश्रा के नाम से हमीरपुर में तकरीबन तीन दर्जन खनन के पट्टे हैं. हमीरपुर के सबसे बड़े खनन कारोबारी दिनेश मिश्रा के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का नजदीकी होने की जानकारी आम है. नवभारत टाइम्स- खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ एक और शिकायत में सबूत पुख्ता हो रहे हैं. कानपुर विकास प्राधिकरण ने जूही खुर्द (कानपुर) के उस भूखंड की फाइल लोकायुक्त को भेज दी है, जिस पर गायत्री के पैसे से कॉम्प्लेक्स बनाए जाने की शिकायत थी. लोकायुक्त का कहना है कि फाइल से इस बात की पुष्टि हो रही है कि इस भूखंड का मालिक वही खनन पट्टाधारक है, जिसके परिवार को सपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में दस पट्टे आवंटित किए गए थे. 28 फरवरी को अमर उजाला ने लिखा- सोनभद्र व आसपास होने वाले अवैध खनन की लोकायुक्त की जांच अब बुंदेलखंड में हो रहे अवैध खनन तक पहुंच गई है. लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने बांदा व हमीरपुर के जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके जिलों के पट्टाधारकों के बारे में जानकारी मांगी है. दैनिक जागरण ने लिखा- खनन मंत्री गायत्री प्रजापित के खिलाफ परिवाद दाखिल होने के बाद सोनभद्र, फतेहपुर, मिर्जापुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, झांसी, बागपत, नोएडा में अवैध खनन व ‘वीआइपी’ वसूली के इल्जाम वाली आधा दर्जन शिकायतें दाखिल हुई हैं। इन शिकायतों की पड़ताल कर रहे लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्र ने प्रमुख सचिव खनन, निदेशक और खान अधिकारियों का पक्ष जाने के बाद अब बांदा व हमीरपुर के डीएम को नोटिस भेजकर जिले में बालू, मौरंग व पत्थर खदान के पट्टाधारकों की सूची मांगी है।

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