Mayawati BSP

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HIT * (News Rating Point) 21.02.2014
लोकसभा के हार और दिल्ली चुनाव में सूपड़ा साफ़ होने के बाद इस सप्ताह मायावती पूरे जोश में नज़र आयीं. दिल्ली चुनाव में भी भले ही मायावती को बड़ा झटका लगा हो लेकिन इसके बाद उन्होंने अपना रुख अपनी मूल ताकत उत्तर प्रदेश की और मोड़ दिया. 14 फरवरी को उनको बयान दैनिक जागरण समेत तमाम अखबारों में छपा, जिसमे उन्होंने कहा कि उन्हें संप्रग सरकार के समर्थन का खामियाजा भुगतना पड़ा.
16 फरवरी को अमर उजाला ने छापा- बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी फिर से जीतो’ का नारा देते हुए संगठन में निष्क्रिय लोगों को तत्काल पार्टी से बाहर करने का फरमान सुनाया. उन्होंने पार्टी में परिवारवाद पर सख्ती से रोक लगाने और युवाओं को संगठन में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देने का ऐलान किया. मायावती ने कहा कि जिन्हें अगले विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जा चुका है, उनके टिकट नहीं कटेंगे. उन्होंने कहा कि कोई भी चुनाव संगठन की ताकत से ही जीता जा सकता है, पैसे के बल पर नहीं. भाजपा पानी की तरह पैसा बहाकर भी दिल्ली चुनाव नहीं जीत पाई. उन्होंने 15 मार्च को बसपा संस्थापक कांशीराम जयंती व 14 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर की जयंती उल्लास से मनाने का निर्देश भी दिया. बैठक में राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, स्वामी प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर भी मौजूद थे. मायावती की खबर को एपीएन सहित कई रीजनल चैनलों ने भी काफी जगह दी. दिल्ली विधानसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होने के बाद बसपा सुप्रीमो को भी पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा छिनने का खतरा साफ दिखाई देने लगा है. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को इस मुद्दे को लेकर परेशान न होने की सलाह दी.
उधर सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का बयान आ गया.  चौधरी ने कहा कि मायावती के रवैये से ही बसपा को ही नुकसान हुआ है लेकिन बसपा सुप्रीमो यह मानने तो तैयार नहीं है. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस दलित आंदोलन की नींव रखी थी, बसपा अध्यक्ष ने उसे अपने स्वार्थ साधन का जरिया बनाकर डुबो दिया है.
16 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पेज एक पर मायावती नज़र आयीं-  Maya for weeding out `inefficient’ office-bearers- 50% Of Party Posts To be Given To Youths -Stung by repeated electoral reverses in Lok Sabha and subsequently in assembly elections in other states, BSP supremo Mayawati has decided to get the party structure overhauled at the grassroots in UP . Besides replacing the “inefficient“ office-bearers by efficient ones, Mayawati has asked her workers to engage youth in party activities. In a closed-door meeting with party cadre in Lucknow on Sunday , Mayawati asked her zonal and district coordinators to identify the inefficient workers and send a report to the party high command. इंडियन एक्सप्रेस में छापा- Gov’s press meet new tradition, shows SP govt’s weakness: Maya. दैनिक जागरण में छपा- मायावती ने अब राज्यपाल राम नाईक की सक्रियता के बहाने सपा सरकार पर निशाना साधा है. मायावती का मानना है कि सपा सरकार के अत्यंत कमजोर व लाचार हो जाने से ही राजभवन की दखलंदाजी बढ़ी है. नई परंपरा शुरू करते हुए राज्यपाल ने अपने कामकाज की रिपोर्ट जनता के सामने पेश की है. तो इस हफ्ते अजित सिंह ने मायावती पर हमला बोला.

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