Narendra Modi BJP

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14.02.2015 (News Rating Point – F​LOP***)

अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के राजा क्या बने, मीडिया और राजनेताओं के हमले का सबसे बड़ा शिकार नरेन्द्र मोदी बन गए. हर जगह ये डिबेट शुरू हो गयी कि भाजपा की दिल्ली हार का जिम्मेदार कौन… क्या चैनल, क्या अखबार और क्या सोशल वेबसाइट्स सब जगह मोदी की आलोचना. वैसे इस हफ्ते नरेन्द्र मोदी की आलोचना शुरुआत तो ओबामा ने ही कर दी. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत में धार्मिक असहिष्णुता वाले बयान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को डेंट दिया. भारत और दुनिया की मीडिया ने इसे गंभरिता से लिया. सिडनी मोर्निंग हेराल्ड ने लिखा- Barack Obama causes outrage by saying religious conflict in India would have shocked Gandhi. पकिस्तान में dawn सहित तमाम अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा. असहिष्णुता के बराक ओबामा के बयान पर न्यूयार्क टाइम्स ने सम्पादकीय छापा और नरेन्द्र मोदी से चुप्पी तोड़ने को कहा. इस खबर को देश के तमाम अखबारों ने प्रमुखता से लिया.
लेकिन दूसरी और नीति आयोग की पहली बैठक पर आयी खबरों ने नरेन्द्र मोदी की छवि को बेहतर बनाने की कोशिश की. द हिन्दू ने नीति आयोग की बैठक को लीड बनाकर छापा. भारत में अमेरिकी राजदूत रह चुके रॉबर्ट ब्लैकविल ने पाकिस्तान को चेताया और कहा कि आतंकी हमला होने पर सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं पीएम मोदी- ये खबर भारत पकिस्तान सहित दुनिया के तमाम देशों के अखबारों में प्रमुखता से छपीं. लेकिन इन सकारात्मक ख़बरों पर केजरीवाल ने झाड़ू फेर दिया. अन्ना पहले से ही मोदी के खिलाफ मैदान में उतर गए थे. द हिन्दू ने शुमोजीत बनर्जी की- Modi govt. has deceived farmers:Anna- शीर्षक से खबर छपी, जिसमें मोदी को किसान विरोधी कहा गया. उसके बाद India should have good relations with neighbors: US- अमेरिकी उप प्रवक्ता का यह बयान भारत, पाकिस्तान सहित दुनिया के अखबारों में प्रमुखता से छपा.
टाइम्स नाओ से लेकर आईबीएन 7 तक सब जगह दिल्ली चुनाव की शाम से लेकर लगातार ये चलता रहा कि रणनीति में भाजपा फेल रही. किरण बेदी का चयन गलत था. निगेटिव प्रचार पार्टी के लिए नुकसानदेह रहा. टाइम्स नाओ ने एक स्टोरी first political setback- चलाई. एनडीटीवी ने खबर लगाई- Exit Polls for Delhi Suggest First Major Setback for PM Narendra Modi. उधर, गोविन्दाचार्य ने भी भाजपा को बड़ा झटका दिया. भाजपा की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे गोविंदाचार्य- ये खबर सभी प्रमुख अखबारों और चैनलों में चली.
9 फरवरी को इंडियन एक्सप्रेस में एक एक्सक्लूसिव स्टोरी छपी- HSBC Indian list just doubled to 1195 names. Balance: Rs 25420 cr- जिसमे भारतीय स्विस बैंक धारकों के एकाउंट के बारे में बताया गया. उसके बाद ये खबर चैनलों ने उठा ली. सभी जगह इस खबर की गूँज होने लगी. इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा गया था- There are a few account holders with political connections, most of whom deny having accounts. There is former UPA minister Preneet Kaur, former Congress MP Annu Tandon and family members of former Maharashtra chief minister Narayan Rane — his wife Neelam Narayan Rane and son Nilesh Rane — as well as family members of the late Congress minister Vasant Sathe. Bal Thackeray’s daughter-in-law Smita Thackeray is also listed as an account holder…. चैनलों पर खबर चलने के तुरंत बाद अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस की और इन बैंक एकाउंट्स पर चल रही कार्रवाई की भी जानकारी भी दी लेकिन भाजपा को इस खबर से जितना नुकसान होना था, हो चुका था. सोशल वेबसाइट्स पर भी इस खबर ने जोर पकड़ लिया. अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया- But bigger Q is – what did first cong and now BJP do? Nothing? Why? Some of these people claim to hv both BJP n Cong in their pocket… साथ ही इंडियन एक्सप्रेस के लिए ट्वीट किया- Congratulations to @IndianExpress for showing courage.. लेकिन दिल्ली चुनाव नरेन्द्र मोदी के गोधरा काण्ड के बाद सबसे बड़े झटके के रूप में नज़र आया. कोई ऐसा चैनल नहीं होगा जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नरेन्द्र मोदी को निशाने पर न ले रहा हो. लालू यादव ने एएनआई को बाईट दी- अहंकार पर लोकतंत्र की जीत. नितीश कुमार- देश के लिए लोगों का सन्देश हवाबाजी से काम नहीं चलेगा. अन्ना हजारे ने कहा- लोग कहते थे नरेन्द्र मोदी जी की हवा बन गयी लेकिन कोई हवा नहीं थी लोगों को आश्वासन दिया गया था और  उसका पालन नहीं हुआ… यही नहीं उद्धव ठाकरे ने भी कह दिया कि बेदी नहीं ये मोदी की हार.​ ये तो थी सियासी मुकाबले की बात लेकिन नरेन्द्र मोदी के मंदिर की ख़बरों ने भी निगेटिव माहौल बनाया हालांकि बाद में ट्विटर पर मोदी के विरोध और मंदिर को तोड़े जाने की खबरों ने कुछ राहत दी.​

12 फरवरी को चैनलों में खबर चली की भाजपा-पीडीपी के गटबंधन की सरकार बन सकती है और पीडीपी का मुख्यमंत्री और भाजपा का मुख्यमंत्री होगा, इसने भाजपा को सांस दी. अगले दिन इस खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा. इसके अलावा इण्डिया टीवी, आईबीएन, डीडी न्यूज़ से इकोनोमिक्स टाइम्स तक ने छापा कि ट्विटर पर नरेन्द्र मोदी के फालोवर की संख्या का आंकडा एक करोड़ के पार हुआ, ये शायद सप्ताह उन चंद खबरों में था, जिसके लिए इधर पिछले दो सालों से नरेन्द्र मोदी जाने जा रहे थे.

Vinod Agnihotriभक्तों। देखो राजनीति के ऋषी कुमारों ने आखिर चक्रवर्ती के अश्वमेध का विजय रथ दिल्ली में रोक ही दिया।अब तो मानो कि कोई अजेय नहीं होता। (विनोद अग्निहोत्री – @VinodAgnihotri7, Twitter)

 

 

Om Thanviसच्चाई यह ही है कि चुनाव भले दिल्ली प्रदेश के थे पर उनमें भाजपा का चेहरा प्रधानमंत्री मोदी ही थे. (ओम थानवी, जनसत्ता के पेज 1 पर छपे अपने लेख में)

 

 

Amitabh Agnihotriमोदी ने अपने मंदिर के निर्माण पर नाराज़गी जता कर अच्छा ही किया। ये भक्त तो लगता है बेडा गर्क कराके ही मानेंगे। (Amitabh Agnihotri, facebook)​

 

 

Pradeep Singhमोदी सरकार बोलती ज़्यादा है और काम कम करती है. कम से कम आम लोगों में तो यही धारणा बन रही है. (प्रदीप सिंह, दैनिक जागरण में छपे एक लेख में)

 

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