14.11.2015 (NPR).
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद एक बाद फिर ब्रांड मोदी को नया अवतार देने की कवायद शुरू हो गई है। खुद पीएमओ ने इसकी बागडोर संभाली है। ब्रांड मोदी की वैल्यू बनाए रखने के लिए बड़ी योजना बनाई जा रही है।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक टीम मोदी का मानना है कि अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो प्रधानमंत्री की साख घट सकती है। दरअसल, मोदी भी अपनी सरकार के जनसंवाद से खुश नहीं। पीएमओ ने अलग-अलग मंत्रालयों से पूछा है कि जब बिहार चुनाव में भाजपा के खिलाफ नकारात्मक छवि उभर रही थी, तो वे क्या कर रहे थे।
पीएमओ ने करीब दो दर्जन खबरों के हवाले से मंत्रालयों से पूछा है कि क्या ये खबरें सही हैं। अगर नहीं तो वक्त रहते इनके खिलाफ तथ्य क्यों नहीं पेश किए गए।
आर्थिक हालात का जायजा लेने वाली संस्था मूडीज की रिपोर्ट पर भी सरकार ने सात दिन बाद जवाब दिया, वह भी पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद। पीएमओ का मानना है कि सरकार की सफलताएं भी जनता तक आक्रामक रूप से नहीं पहुंचाई गईं। इसका खामियाजा बिहार चुनाव में हार को माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि अब इस कमजोर कड़ी को दूर करने का जिम्मा खुद मोदी उठाएंगे। लोकसभा चुनाव में मोदी की मदद करने वालों को भी वापस जुटाया जा सकता है। इनमें मोदी को देश में जिताने और बिहार में हराने वाले प्रशांत किशोर भी शामिल हो सकते हैं। हालाँकि प्रशांत किशोर के बारे में एक चर्चा यह भी है कि वह ममता बनर्जी की कैम्पेनिंग में जुटेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि सोशल मीडिया पर ब्रांड मोदी का नया अवतार देश की जनता को कितना लुभाएगा