नवल कान्त सिन्हा
24.02.2015 (News Rating Point)
जो लोग यह सोचते होंगे कि मई में लोकसभा चुनाव में पिटने के बाद लगातार विधानसभा चुनावों में हार का मुंह दिख रही कांग्रेस के लिए क्या इससे भी बुरी कोई खबर हो सकती है, तो उनको जवाब राहुल गांधी ने दे दिया है. टीवी चैनलों से अखबारों तक और फेसबुक से लेकर ट्विटर तक सब जगह चर्चा में राहुल गांधी हैं. और वह चर्चा है कि वह नाराज़गी के चलते छुट्टियों पर चले गए हैं राहुल.
हिंदुस्तान अखबार लिखता है- संसद के बजट सत्र और भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की खबरों के बीच कथित तौर से नाराज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर चले गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के छुट्टी पर जाने की पुष्टि की है. कहा कि उन्हें कुछ सप्ताह का समय दीजिए. पार्टी के कई नेता इसे राहुल गांधी की नाराजगी के तौर पर देख रहे हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले कुछ माह से पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उससे पार्टी उपाध्यक्ष खुश नहीं हैं. नई दुनिया ने लिखा- भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर बजट सत्र में सरकार को घेरने निकली कांग्रेस के पैरों तले जमीन निकल गयी है. नई दुनिया ने अपनी वेबसाइट पर खुलासा भी किया है कि राहुल गांधी बैंकाक गए हैं. लिखा है- सूत्रों के मुताबिक नाराज राहुल फिलहाल बैंकाक में छुट्टियां मना रहे हैं. राहुल गांधी 16 फरवरी को ही देर रात 3.40 की फ्लाइट से थाईलैंड रवाना हो गए थे. थाई एयरवेज की फ्लाइट का नंबर टीजी-332 था. कुछ हफ्तों की छुट्टी के दौरान उनका वहीं रहने का प्रोग्राम है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या राहुल गांधी के न रहने से फर्क पड़ेगा ! मई में लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी शायद ही कभी एक्शन में नज़र आये. सोलहवीं लोकसभा में राहुल गांधी की 65 प्रतिशत उपस्थिति रही है. उन्होंने एक भी सवाल नहीं उठाये, एक भी चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया. प्रभात खबर लिखा- कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत प्राप्त राहुल गांधी ही अब कार्यकारी रूप से पार्टी का कामकाज देखते हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भी करारी हार मिली. पार्टी के नेता भी इशारों में बार-बार उंगली उठा रहे हैं. ऐसे में उनके लिए आत्मचिंतन करने जाना कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति की एक अहम परिघटना है.
दैनिक ट्रिब्यून ने लिखा- वह इस बात से भी खफा हैं कि उनके पास अंतिम फैसला करने का अधिकार नहीं है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक के बाद एक मिली हार के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. ये नेता नहीं चाहते कि अप्रैल में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए. राजस्थान पत्रिका ने लिखा- छुट्टी पर सेनापति, बैकफुट पर कांग्रेस. बजट सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है और ऎसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बजट सत्र शुरू होने से एकदिन पहले छुट्टी पर जाने के फैसला से सभी हैरान नजर आ रहें हैं। राहुल के बजट से पहले छुट्टी पर जाने की वजह को लेकर अटकलें लगाईं जा रही हैं कि, वे कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से खुश नहीं हैं. खबरें कह रही हैं कि इस वजह से राहुल गांधी की रेटिंग डाउन होना तय लग रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या राहुल गांधी के न रहने से फर्क पड़ेगा ! मई में लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी शायद ही कभी एक्शन में नज़र आये. सोलहवीं लोकसभा में राहुल गांधी की 65 प्रतिशत उपस्थिति रही है. उन्होंने एक भी सवाल नहीं उठाये, एक भी चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया. प्रभात खबर लिखा- कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत प्राप्त राहुल गांधी ही अब कार्यकारी रूप से पार्टी का कामकाज देखते हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भी करारी हार मिली. पार्टी के नेता भी इशारों में बार-बार उंगली उठा रहे हैं. ऐसे में उनके लिए आत्मचिंतन करने जाना कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति की एक अहम परिघटना है.
दैनिक ट्रिब्यून ने लिखा- वह इस बात से भी खफा हैं कि उनके पास अंतिम फैसला करने का अधिकार नहीं है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक के बाद एक मिली हार के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. ये नेता नहीं चाहते कि अप्रैल में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए. राजस्थान पत्रिका ने लिखा- छुट्टी पर सेनापति, बैकफुट पर कांग्रेस. बजट सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है और ऎसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बजट सत्र शुरू होने से एकदिन पहले छुट्टी पर जाने के फैसला से सभी हैरान नजर आ रहें हैं। राहुल के बजट से पहले छुट्टी पर जाने की वजह को लेकर अटकलें लगाईं जा रही हैं कि, वे कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से खुश नहीं हैं. खबरें कह रही हैं कि इस वजह से राहुल गांधी की रेटिंग डाउन होना तय लग रहा है.