एक आईपीएस अफसर के राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए जाने की वजह से वसुंधरा राजे सिंधिया इस सप्ताह चर्चा में रहीं. साथ ही राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने चितौड़गढ़ की बंद 6 खानों को फिर से शुरू करने की एवज में कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले में राजस्थान के प्रिसिंपल सेक्रेटरी (माइंस) अशोक सिंघवी की गिरफ्तारी भी मुख्यमंत्री की छवि पर विपरीत असर डालने की वजह बनी.अखबारों ने लिखा कि बूंदी के पूर्व एसपी पंकज चौधरी का कहना है कि उन्होंने प्रदेश सरकार से चौतरफा प्रेशर के बावजूद वीएचपी और बजरंग दल के दंगाइयों को छूट नहीं दी इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है. आरोप है कि जब उन्होंने दंगाइयों को छोड़ने से मना कर दिया तो सरकार की आरे से उनके पास दबाव बनाने के लिए फोन आने लगे थे. बूंदी के पूर्व एसपी पंकज चौधरी ने कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से दबाव का विरोध करने के कारण पद से हटा दिया गया. चौधरी ने कहा, प्रेशर सीनियर आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स की तरफ से था कि दंगाइयों को छोड़ दें और मुस्लिमों पर फर्जी केस दर्ज किए जाएं. इसी तरह राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने चितौड़गढ़ की बंद 6 खानों को फिर से शुरू करने की एवज में कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले में राजस्थान के प्रिसिंपल सेक्रेटरी (माइंस) अशोक सिंघवी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि माइंस डिपार्टमेंट के अडिशनल डायरेक्टर, सुप्रीटेंडेट इंजीनियर समेत 8 लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. सिंघवी समेत 6 लोगों को बुधवार जबकि दो और आरोपितों को गुरुवार को अरेस्ट किया गया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)