एनआरपी डेस्क
लखनऊ। जरा जरा सी बात पर किशोरियां घर छोड़ रही हैं। माता-पिता या भाई-बहन से कहासुनी होने पर भी घरों से भाग रही हैं। कुछ मामा-फूफा के घर जाने से रोकने पर तो कुछ मोबाइल पर बात करने से रोकने पर घर से निकल जा रही हैं। ऐसा करने से राजधानी के किशोरी संरक्षण गृह में इनकी संख्या कम नहीं हो पा रही है। एक वर्ष में घर से भागों 1026 बच्चियों को किशोरी संरक्षण गृह पहुंचाया गया। इनमें से विभाग ने काउंसिलिंग कर 831 को माता-पिता के पास पहुंचाया। अब भी रोज 80 से 100 तक बच्चियां घरों से भाग रही हैं, जिन्हें संरक्षण गृह पहुंचाया जा रहा है। किशोरों से ज्यादा अब किशोरियां घरों से भाग रही हैं। किशोरी संरक्षण गृह के आंकड़े बताते हैं कि 9 से लेकर 14 वर्ष तक की बच्चियों के भागने का आंकड़ा 60 प्रतिशत से ज्यादा है। कोई मोबाइल पर रोल देखने से रोकने पर तो कोई बात करने से रोकने पर घर छोड़ दे रही है।



