लखनऊ की खूबसूरती पर धब्बा लगाती घोटाले और घपले की 2 एक्सक्लूसिव खबर

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लखनऊ। आज के अखबारों में लखनऊ की खूबसूरती पर धब्बा लगाती दो घोटाले और घपले की एक्सक्लूसिव खबरें हैं। हिंदुस्तान में जनेश्वर मिश्र पार्क में 200 करोड़ के घोटाले की खबर है तो दैनिक जागरण में शत्रु संपत्ति के किराए को लेकर घपले की खबर है।

हिंदुस्तान में विजय वर्मा ने जनेश्वर पार्क, जेपी सेंटर समेत कई परियोजनाओं के निर्माण में बड़े घपले की एक्सक्लूसिव खबर लिखी है। बिना टेंडर कराए ठेकेदारों, कम्पनियों को काम बांटने के साथ चहेतों को अधिक भुगतान तो कुछ के लिए नियम ही बदल डाले गए। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने ऑडिट में करीब 200 करोड़ के घपले की जानकारी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार गोमतीनगर विस्तार, कानपुर रोड की योजनाओं में भी गड़बड़ियां की गईं। 2015-16 में हुए इन घपलों को लेकर ऑडिट विभाग ने प्राधिकरण अफसरों से रिकवरी की सिफारिश की है। शासन ने ऑडिट की जिम्मेदारी स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग को सौंपी थी। वित्त नियंत्रक ने अधिकारियों को पत्र जारी किया है। ऑडिट विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त ये गड़बड़ियां हुई हैं, तब प्राधिकरण उपाध्यक्ष सतेन्द्र यादव थे।
दूसरी खबर दैनिक जागरण में राजीव वाजपेयी ने लिखी है। लिखा है कि सीबीआइ ने शत्रु संपत्तियों के आवंटन को लेकर लखनऊ में छापा मारा तो बेशकीमती संपत्तियों पर काबिज किरायेदारों की भी धड़कनें बढ़ गई हैं। हजरतगंज जैसे विशिष्ट इलाके में रसूखदारों और बड़े कारोबारियों को लीज पर शत्रु संपत्तियां बांटी गईं, जिनसे वे करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। बावजूद इसके 25 करोड़ रुपये से अधिक का किराया कुछ किरायेदारों ने जमा नहीं किया है।
शत्रु संपति अभिरक्षक कार्यालय के अफसरों की मिलीभगत से हजरतगंज की बेशकीमती संपत्तियों की 2016 तक लीज रियायती दरों पर ही चलती रहीं। पांच से दस हजार वर्ग फीट के शोरूम का मात्र कुछ हजार रुपये किराया देकर बदले में लाखों में उठा रखा था। 2016 में तत्कालीन डीएम राजशेखर (अब मंडलायुक्त कानपुर) ने तत्कालीन एसडीएम सदर राजकमल (अब डीएम बागपत) को शत्रु संपत्तियों की किरायेदारी दरों का रिवीजन का आदेश दिया था। अभिरक्षक कार्यालय की संस्तुति पर 22 सितंबर, 2017 को प्रशासन ने डीएम सर्किल रेट से शत्रु संपत्तियों का परिवर्तित किराया लागू कर दिया। किराया बढ़ने के बाद कुछ को छोड़कर अधिकांश किरायेदारों ने किराया ही नहीं जमा किया है।
21 दिसंबर 2021 को शत्रु संपत्तियों के नोडल अफसर और अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमर पाल सिंह ने एसडीएम सदर को पत्र भेजकर शत्रु संपत्तियों के पट्टे और किराये की राशि को राजस्व अधिकारियों से वसूल कराकर जमा कराने का आदेश दिया था। डिफाल्टर किरायेदारों की संपत्ति सील कर मुकदमा भी दर्ज कराने को भी कहा था।

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