एनआरपी डेस्क
लखनऊ। लंबे समय से जालसाजी, डिजिटल अरेस्ट और अन्य अपराधों में शामिल नंबरों को पुलिस ने बंद करा दिया है। इनमें अधिकांश नंबर ऐसे हैं, जो किसी और आइडी पर चलाए जा रहे थे। यह नंबर अव दोबारा कभी इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। जिन दस्तावेजों पर यह नंबर लिए गए थे पुलिस उनके मालिकों की तलाश भी कर रही है। गोमती नगर स्थित साइबर क्रञ्चम थाने के इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव ने बताया कि पिछले महीनों में कट्सएप, टेलीग्राम और फोन काल के माध्यम से ठगी के कई मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस ने जांच के दौरान कई संदिग्ध नंबरों को ट्रेस किया, जिनका इस्तेमाल अपराधों के लिए किया जा रहा था। इन्हीं मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच शुरू की गई तो कई आम बातें सामने आई। कुछ ऐसे भी नंबर मिले, जिनका इस्तेमाल एक या उससे अधिक लोगों को ठगने और अन्य अपराध में किया गया। छानबीन के दौरान कुल 795 नंबर सामने आए हैं। इनकी सूची बनाकर अधिकारियों को भेजी गई, जिसके बाद टेलीकाम कंपनियों से संपर्क कर इन नंबरों को ब्लाक कर दिया गया।