लखनऊ। नए वित्तीय वर्ष के बजट पर चर्चा के लिए सोमवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक होगी। इस बार अफसरों ने 4226 करोड़ का बजट तैयार किया था। पार्षदों के विरोध के बाद इसमें संशोधन का प्रस्ताव पास हो सकता है। यह पालो कर नहीं है, जब नगर निगम ने बजट में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। इससे पहले भी विकास कार्यों के नाम पर लगातार बजट बढ़ाया जाता रहा है। सिर्फ दो साल में ही इसमें 2371 करोड़ तक की बढ़ोतरी की गई। दलील दी गई कि शहर की बढ़ती आबादी के हिसाब से या इजाफा जरूरी है, लेकिन इतने खर्च के बाद भी इन दो साल में स्वच्छ सर्वेक्षण में लखनऊ को रैंकिंग 17 वें पायदान से गिरकर 44वे पोजीशन पर पहुंच गई। नए वित्तीय वर्ष के बजट में बढ़ोतरी समेत कई मुद्दों पर नगर निगम कार्यकारिणी को बैठक दो बार पहले ही स्थगित हो चुकी है। विकास कार्यों के मद में मान से 8% फीसदी बढ़ोत्तरी होती है जबकि बाकी बनट के लिए अनुबंधित कंपनी, बाहन खरी और आउटस्टर्स कर्मचारियों को सैलरी के लिए होता है। पार्षदों के इस विरोध पर नया नियम अफसर बजट में संशोधन का दावा कर रहे हैं, हालांकि बजट पेश होने के बाद माफ हो पाएगा कि किन मटी में कितना संशोधन हुआ है।
नगर निगम का बजट बढ़ता रहा, स्वच्छ रैंकिंग गिरती रही : NBT
एनआरपी डेस्क।



