एनआरपी डेस्क
नई दिल्ली: विश्व बैंक ने अप्रैल 2025 में अपनी एक रिपोर्ट में भारत में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आने की बात कही थी। अब भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया बुलेटिन रिपोर्ट (सितंबर 2025) में भी यह बात सामने आई है कि 2011-12 से 2022-23 के बीच भारत में गरीबी के स्तर में कमी आई है। इस आकलन रिपोर्ट के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा ने गरीबी घटाने में बेहतर प्रदर्शन किया है।
हालांकि, रिपोर्ट में इस कामयाबी के पीछे की वजहों पर गहराई से चर्चा नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकारी योजनाओं और नीतियों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में गरीबी का स्तर अधिक है, जो इन राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आरबीआइ के शोधकर्ताओं कौस्तुभ, सतद्व दास, पवन गोपालकृष्णन और देबोज्योति मजूमदार द्वारा किए गए अध्ययन में विभिन्न समूहों के बीच खपतव्यय और गरीबी में उल्लेखनीय कमी का दावा किया गया है। यह आकलन सीधे आरबीआइ का नहीं है, बल्कि इन शोधकर्ताओं का है, जिसमें डाटा केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। पारंपरिक रूप से शहरी गरीबी से निपटना ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।