14.02.2015 (News Rating Point- HIT**)
गोमती की सफाई और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इसमें रूचि लेने की खबरों ने अखिलेश के लिए सकारात्मक मूड बनाया. नीति आयोग की बैठक पर अखिलेश यादव की रणनीति को कुछ अखबारों ने जगह दी. हिन्दुस्तान सहित कुछ अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा. इंडियन एक्सप्रेस में मौलश्री सेठ की स्टोरी – ‘Vision Village’ in Akhilesh’s 165-point development agenda- अखिलेश यादव की एनआरपी को मजबूत किया. 8 फरवरी को नीति आयोग को लेकर सीएम की रणनीति को अखबारों ने पर्याप्त जगह दी.
9 फरवरी को नीति आयोग में उत्तर प्रदेश को लेकर अखिलेश यादव अपनी बात ढंग से रखने और मीडिया में ढंग से कवरेज कराने में सफल रहे. लेकिन हरदोई में हुए सम्मेलन पर एक स्टोरी टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में छपी- Hardoi, Lucknow, UP on remote control: SP leader- जिसमे कहा गया – Samajwadi Party national general secretary Naresh Agarwal on Sunday publicly lodged complaint with party president Mulayam Singh Yadav and accused that some leaders had put Hardoi, Lucknow and Uttar Pradesh on their remote control. ज़ाहिर है नरेश अग्रवाल का यह बयान मुख्यमंत्री के लिए सकारात्मक नहीं रहा. 10 फरवरी को लखनऊ में यश भारती सम्मान समारोह आयोजित हुआ जिसे अख़बारों और रीजनल चैनलों में कवरेज मिली. खबरों में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के भाषणों का जिक्र नज़र आया. तस्वीरें भी प्रकाशित हुईं. 11 फरवरी को एनबीटी ने छापा- उनका लव जेहाद ले डूबा बीजेपी को: अखिलेश. ज़्यादातर अखबारों की खबरों को देखकर अहसास हुआ कि दिल्ली में भाजपा की हार पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फील गुड हुआ और यह अहसास अखबारों में और टीवी चैनल पर चली बाईट में फील किया गया.लेकिन क़ानून व्यवस्था अखिलेश सरकार को पूरे हफ्ते हिलाए रखा. उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर गोरखपुर में राज्यपाल राम नाइक और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने असंतोष जताया. नवभारत टाइम्स समेत यूपी से प्रकाशित अखबारों ने इस खबर को जगह दी. इस सप्ताह उत्तर प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था की खबरें लगातार अखबारों की सुर्खियाँ बटोरती रहीं. कभी खबर आयी कि विधायक की आलोचना करने पर सपा नेता ने एक की आँख फोड़ी तो कभी विधायकों की दबंगई की खबरें छपीं. दैनिक जागरण ने अंबेडकरनगर में विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में टांडा के विधायक अजीम उल हक पहलवान के बारे में लिखा- सपा विधायक का बडबोलापन, थाने में चलेगी तो मेरी मर्जी. हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सकारात्मक रुख और कार्रवाई के निर्देश देने की खबरें भी छपती रहीं लेकिन बदतर क़ानून व्यवस्था की खबरों में ऐसी खबरें गुम होती रहीं. लखनऊ के गौरी हत्याकांड और उसके खुलासे पर पुलिस पर उंगली उठी. आईएएस में शिरकत के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का माहौल अच्छा बना, जब उन्होंने वहां एक अधिकारी के घूस लेने का वीडियो दिखाकर अफसरों को सिर झुकाने पर मजबूर कर दिया. इस खबर ने खूब सुर्खियाँ बटोरी.