अपने मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों की बर्खास्तगी और फेरबदल के चलते इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चर्चा में रहे. अखबारों ने लिखा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस बार जिस आक्रामकता के साथ मंत्रिपरिषद में फेरबदल का फैसला किया है, उससे वे और मजबूत होकर उभरेंगे. भाजपा यूपी में सपा को चुनौती देने की स्थिति में आए, इससे पहले ही अखिलेश ने सरकार की छवि चमकाने का मास्टर स्ट्रोक खेलकर बढ़त ले ली है. खास बात यह है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले सीनियर नेताओं को भी खराब परफॉर्मेंस पर आईना दिखाया है, उससे पार्टी और सरकार में यह संदेश भी पहुंचा है कि उनकी सरकार के कामकाज में किसी का दखल नहीं है. मुलायम सिंह ने भी उन्हें परिपक्व मानते हुए राजनीतिक अखाड़े में अपने हिसाब से दांव चलने और सियासी गोटें बिछाने की छूट दे दी है. हालांकि गायत्री प्रसाद प्रजापति को न हटाने की चर्चा भी अखबारों ने की.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)