Akhilesh Yadav Samajwadi Party

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HIT *** (News Rating Point) 21.02.2014
वेलेंटाइन डे पर ताज के सामने तस्वीर खिंचाकर पर्यटन को यूपी में बढ़ावा देने का अंदाज़… घूस लेने के स्टिंग से अफसरों को आइना दिखाना और फिर उन्हीं के साथ क्रिकेट खेल कर जिम्मेदारी का अहसास कराने की कोशिश करना… यह चंद खबरें हैं, जिन्होंने इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रेटिंग को बढ़ाया. लेकिन क़ानून व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, आज़म खान और गायत्री प्रसाद प्रजापति की खबरों ने मुख्यमंत्री की सफलता के सितारों को कम कर दिया.
14 फरवरी की सुबह के अखबारों की सुखियों में वो खबर थी, जिसमे टेकसैवी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अफसरों को घूस लेने का स्टिंग दिखाया. अमर उजाला की टॉप बॉक्स था- आईएएस वीक में खरी-खरी- सीएम ने नौकरशाही को दिखाया आईना, क्लिपिंग के बहाने सुनाई घूसखोरी की कहानी, अफसर ने पैसा लिया और झट से रख लिया- टाइम्स ऑफ़ इण्डिया का टॉप बॉक्स था- I’ve video of IAS officer taking bribe, says CM. दैनिक जागरण- भ्रष्टाचार बेनकाब कर सकती है तकनीक- दिखाया आईना.नवभारत टाइम्स लीड- ‘टेक्नॉलोजी से पकड़ेंगे घूसखोर’ और ऐसी खबरों से रंगे हुए थे अखबारों के यूपी संस्करण.

वेलेंटाइन डे के दिन जिस सियासी खबर ने खासतौर पर जगह पायी, वो थी डिम्पल और अखिलेश यादव की तस्वीर, जो उन्होंने आगरा में ताजमहल के सामने एक होटल के लवर्स बेंच पर खिंचवाई. ज़ी न्यूज़, एबीपी न्यूज़ समेत तमाम चैनलों ने इसे प्रमुखता से दिखाया. ये तस्वीर बड़े-छोटे सभी अखबारों में छा गयी. टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, श्री टाइम्स सब जगह तस्वीर छपी और खबर भी.
इकोनॉमिक टाइम्स- Taj Mahal is the identity of India, says Akhilesh Yadav. लखनऊ के अख़बार डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट ने लिखा- पयर्टन को बढ़ावा देने के कृत संकल्प.

15 को अखिलेश यादव के सियासी पैंतरों से ज़्यादा चर्चा थी उनके क्रिकेट के जौहर की. न्यूज़ एक्सप्रेस, ईटीवी सहित तमाम टीवी चैनलों ने इस खबर को सॉफ्ट मूड के साथ चलाया. 16 फरवरी को अमर उजाला के पेज एक की खबर में लिखा- अफसरों के खिलाफ मैच में उन्होंने न सिर्फ ऑलराउंड प्रदर्शन किया बल्कि अपनी टीम सीएम इलेवन को 15 रन से जीत भी दिला दी. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अखिलेश की कई तस्वीरें लगाईं. लिखा-  A hat trick of wins for Captain Akhilesh. ब्यूरोक्रेसी की वेबसाईट tkbsen.in (द सेन टाइम्स) ने लिखा- Akhilesh beats IAS officers in Cricket Match.वैसे भी भाजपा की दिल्ली में हार के बाद यूपी के मुख्यमंत्री का मनोबल बढ़ा हुआ नज़र आया. 17 फरवरी की अमर उजाला की खबर थी-‘बांटने वाली ताकतों को जनता ने सबक सिखाया’. दिल्ली चुनाव नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि समाज को बांटने वाली ताकतों को जनता ने सबक सिखा दिया है. इन्डियन एक्सप्रेस ने लिखा- Govt’s pro-muslim stance being questioned:Akhilesh. उर्दू अख़बार के एक कार्यक्रम की इस खबर को मीडिया में काफी जगह मिली.पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री की ग्रीन बस की खबरें भी चर्चा में रहीं, द हिंदू ने लिखा- Akhilesh to promote ‘green’ buses in U.P.
सभी सांसदों से सहयोग मांगने की सीएम की अपील भी 17 फरवरी को ही प्रमुखता से छपी. राष्ट्रीय सहारा- यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब राज्य के विकास के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. हालांकि इसके लिए उन्होंने राजनैतिक पैंतरा चलते हुए प्रधानमंत्री व केन्द्रीय गृहमंत्री समेत राज्य से जीते भाजपा के सभी सांसदों के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा में यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे सभी दलों के सांसदों को पत्र लिखकर प्रदेश के विकास में सहयोग मांगा है. मुख्यमंत्री ने मोदी मंत्रिमण्डल में यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे सभी मंत्रियों, भाजपा सांसदों, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, अपनी पत्नी डिम्पल यादव समेत अन्य सभी सत्तारूढ़ और विपक्ष के सांसदों को अलग-अलग पत्र लिखा है. लेकिन क़ानून व्यवस्था और चिकित्सा व्यवस्था की खबरों ने मुख्यमंत्री की निखरी छवि को धूमिल बनाया. शायद ही कोई ऐसा दिन हो कि इन विभागों की निगेटिव खबरें न छपी हों.  सीएम को खुद छपी खबरों के संज्ञान लेना पड़ा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा- Rise in swine flu cases in Lucknow, CM Akhilesh Yadav warns doctors. डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट ने छापा- स्वास्थ्य विभाग के लचर कार्यप्रणाली को देखते हुए मुख्यमंत्री को खुद मोर्चा संभालना पडा. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वाइन फ़्लू से पीड़ित मरीजो के तत्काल और मुफ्त इलाज करने के निर्देश दिए. लेकिन फिर भी स्वाइन फ़्लू पर विधानसभा में हंगामा हुआ. जागरण ने इसी लीड बनाया.
सहारनपुर ​में तनिष्क शो रूम में डकैती, बाघ एक्सप्रेस में डकैती, अदालत में गैंगस्टर की हत्या, हाईकोर्ट के जज के घर चोरी तमाम खबरें सुर्खियाँ बनती रहीं. यहाँ भी मुख्यमंत्री को एक्शन में आना पडा. अमर उजाला ने लिखा- तनिष्क शोरूम में रविवार को हुई 10 करोड़ की डकैती के मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सहारनपुर केे एसएसपी भारत सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया है. इन्डियन एक्सप्रेस- seven kops suspended after robbery ay Tanishq showroom. गायत्री प्रसाद प्रजापति की जांच की ख़बरें लगातार छपती रहीं, जिसने सरकार की छवि को धूमिल किया. हालांकि अवैध खनन पर मुख्यमंत्री ने सोनभद्र के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को निलंबित कर सन्देश देने की कोशिश की. आज़म खां और राज्यपाल की तकरार ने भी मुख्यमंत्री की फजीहत कराई. हिन्दुस्तान ने लिखा राज्यपाल का बयान छापा- मुख्यमंत्री देखें क्या कर रहे हैं उनके मंत्री. विपक्ष ने भी आज़म की आलोचना की.

[box type=”info” head=”Ratan Mani Lal, Journalist”]अखिलेश यादव बहुत कोशिश करके अब काम करनेवाले नेता की छवि बना रहे हैं. बहुत कोशिश शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूँ कि पहले ऐसा लगता था कि उन पर परिवार और बड़ों का दबाव था. लेकिन अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वह स्वतंत्र तरीके से निर्णय ले रहे हैं. विपक्षी दलों पर भी वह अन्य नेताओं की तरह नहीं बल्कि नियंत्रित तरीके से हमले कर रहे हैं. जैसे दिल्ली में भाजपा की हार हो या उस पर साम्प्रदायिकता के आरोप हों या मोदी के सूट की चर्चा हो… उनके बयान परिपक्व तरीके से आये हैं. सरकार और पार्टी के काम में भी वो परिपक्व तरीके से फैसले ले रहे हैं.[/box]

[box type=”info” head=”Hemant Tiwari, Journalist”]अखिलेश यादव की निजी छवि बहुत सॉफ्ट और बेहतरीन है लेकिन सियासी रूप से उन पर बड़ा दबाव नज़र आता है. सबसे बड़ी समस्या है कि ब्यूरोक्रेसी उनके हाथ में नहीं है. कहा गया कि उन्होंने अफसर के घूस की स्टिंग अफसरों को दिखाया लेकिन अगर ऐसा था तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए था. क्रिकेट की भाषा में कहें तो उनकी टीम में फील्डर ऐसे हैं जो कैच ड्रॉप कर रहे हैं. सपोर्टिव बैट्समैन नहीं हैं. उनके पास ओवर कम है और रन ज़्यादा बनाने हैं. ऐसे में मनोवैज्ञानिक दबाव ज़्यादा है.[/box]

[box type=”info” head=”Yogesh Mishra, Journalist”]मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अभी दो स्तंभों को छुआ है. यानी उन्होंने अभी विधायिका और नौकरशाही पर ध्यान देने की कोशिश की है. उनके बीच तालमेल बिठाने की कोशिश की है. लेकिन सबसे ज़्यादा जरूरत है जनता के मुद्दों पर ध्यान देने की, जिस पर उन्होंने अभी तक ध्यान नहीं दिया है. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री को अब इस ओर ध्यान देना चाहिए.[/box]

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