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HIT **** (News Rating Point) 06.02.2016
अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी प्रतापगढ़ से इस सप्ताह समाजवादी पार्टी के एमएलसी प्रत्याशी घोषित होने के वजह से चर्चा में आये. प्रतापगढ़ से दोबारा उतर रहे अक्षय प्रताप सिंह ‘गोपालजी’, कैबिनेट मंत्री राजा भैया के चचेरे भाई हैं. अक्षय प्रताप का जन्म 14 अप्रैल 1970 को प्रतापगढ़ में हुआ. 2004 में समाजवादी पार्टी की से इन्होने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. हालाकि 2009 में राजकुमारी रत्ना सिंह से यह लोकसभा चुनाव हार गए. दरअसल वर्ष 1993 में कुंवर रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने विधानसभा चुनाव में कुंडा से कदम रखा था तो फिर उनके करीबी भी राजनीति में आगे बढ़ने लगे. राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी की करीबी किसी से छिपी नहीं है. राजा भैया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अक्षय प्रताप को पहली बार वर्ष 1997 के एमएमली चुनाव में मैदान में उतारा और उन्हें कामयाबी मिली. वर्ष 2002 में मायावती सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में राजा भैया को जेल जाना पड़ा तो लखनऊ में धरने पर बैठे अक्षय प्रताप को भी जेल भेज दिया गया. वर्ष 2003 के एमएलसी चुनाव में सपा ने पहली बार अक्षय प्रताप को उम्मीदवार बनाया और वह जीतने में कामयाब रहे. वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा ने गोपालजी को प्रतापगढ़ सीट से प्रत्याशी बनाया और गोपालजी चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंच गए. उनके इस्तीफे से रिक्त हुई सीट से राजा भैया समर्थित आनंद भूषण सिंह बब्बू राजा निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित हुए. 2009 के लोकसभा चुनाव में गोपालजी हार गए तो वर्ष 2010 में सपा ने फिर गोपालजी को प्रत्याशी बनाया और बसपा प्रत्याशी सीएन सिंह को हरा कर गोपालजी निर्वाचित हुए.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)
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