FLOP ***** (News Rating Point) 14.11.2015
दिल्ली के बाद बिहार बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के लिए यह विधानसभा चुनाव दूसरी बड़ी हार है. सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार की हार बीजेपी में अमित शाह के भविष्य का रास्ता तय करेगी. जेडीयू सांसद केसी त्यागी कहना है कि ये बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की एरोगेंस की हार है. विपक्ष और मीडिया ने सवाल उठाया कि क्या अमित शाह का घमंड बिहार में बीजेपी को ले डूबा. बीजेपी के अंदर से भी ऐसी आवाजें उठती नज़र आयीं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने बिहार के नतीजों के बाद कहा कि अब बीजेपी में क्या चल रहा है…’शाह’ पे चर्चा. दरअसल बिहार में इस बार बीजेपी की पिछली बार से भी बुरी स्थिति. 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं जो इस बार घटकर 60 से भी नीचें चली गईं. अमित शाह ने चुनाव के एक महीने पहले से बिहार में डेरा डाल लिया था. हर फैसला उनकी मर्जी से हो रहा था. वो दिन में रैलियां करते थे और रात में चुनावी रणनीति पर बैठकें. लेकिन इस सब के बावजूद वो बिहार में वो करिश्मा नहीं दिखा पाए जिसके लिए वो जाने जाते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह की रणनीति बुरी तरह फेल हो गई थी. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार से कोई सबक नहीं सीखा. पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार बताने का मतलब यह है कि इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. मुट्ठी भर लोग पार्टी को गर्त में धकेल रहे हैं. साथ ही दो टूक शब्दों में यह कहा कि जिन लोगों ने इस चुनाव का संचालन किया, वे हार की ईमानदारी से समीक्षा नहीं कर सकते. अरुण शौरी ने कहा कि बिहार में भाजपा की हार के लिए पीएम मोदी, शाह और जेटली को जवाबदेह होना चाहिए. अब पार्टी में नेतृत्व के खिलाफ ‘मूक असहयोग आंदोलन’ गहराएगा. सांसद भोला सिंह ने तो सीधे-सीधे अमित शाह पर हमला बोला और उन्हें जिम्मेदार ठहराया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)