FLOP * (News Rating Point) 21.02.2014
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लिए इस सप्ताह कोई सबसे ज़्यादा खुशी देने वाली खबर थी तो वो उनके बेटे की शादी का रिसेप्शन था. इस शादी में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए. इंडियन एक्सप्रेस, दैनिक जागरण सहित तमाम अखबारों ने इस खबर और इसकी तस्वीर को जगह दी. महाराष्ट्र के साथी शिवसेना ने अमित शाह को परेशान किया. 16 फरवरी को सामना ने लिखा कि बिहार की राजनीतिक संकट भाजपा की साजिश है. 17 फरवरी को यह खबर अन्य अखबारों में प्रमुखता से छपी. बंगाल उप चुनाव में ममता की जीत भी अमित शाह पर भारी पड़ी. चैनलों और अखबारों ने ममता की जीत को काफी जगह दी. नवभारत टाइम्स ने लिखा- बंगाल उपचुनाव से भी बीजेपी मायूस. 19 फरवरी को टीवी चैनलों पर प्रद्दुत बोरा की इस्तीफे की खबर महत्वपूर्ण बनी. अगले दिन नवभारत टाइम्स ने लिखा- बीजेपी छोड़ने वाले युवा नेता प्रद्युत ने मोदी पर लगाए आरोप- बीजेपी की नैशनल इग्जेक्यूटिव कमिटी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले असम के युवा नेता प्रद्युत बोरा ने कहा है कि उन्होंने सरकार और पार्टी में लोकतांत्रिक परंपरा खत्म होने की वजह से यह कदम उठाया है. चार पन्नों के अपने इस्तीफे में बोरा ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रेजिडेंट अमित शाह की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. बोरा ने अमित शाह को अहंकारी और मोदी को अलोकतांत्रिक कहा है. कुछ खबरों ने जरूर अमित शाह को राहत पहुंचाई होगी, जैसे- नवभारत के पेज एक पर- राष्ट्रीय कार्यकारिणी मजबूत करने में जुटेगी भाजपा। 17 को अमर उजाला में एम संजय की स्टोरी – दिल्ली की हार से उबरने को शाह की रणनीति तैयार.