Amit Shah BJP

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FLOP * (News Rating Point) 07.03.2015
जम्मू कश्मीर में पहली बार गटबंधन के सरकार में आयी भाजपा जिसे सफलता मान रही थी, वो सफलता दरअसल गले की फांस जैसी नज़र आ रही है. पीडीपी के चलते अमित शाह की रेटिंग में इस सप्ताह गिरावट रही. अमर उजाला ने दो मार्च को लिखा- सीएम बनते ही मुफ्ती मोहम्मद सईद का विवादास्पद बयान,जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव पाक व आतंकियों की वजह से- शपथ लेने के कुछ देर बाद ही जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया. मुख्यमंत्री सईद ने राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकवादियों को श्रेय दिया. उनके इस बयान के खिलाफ पैंथर्स पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस ने मोर्चा खोल दिया है. साथ ही भाजपा भी इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर है. भाजपा-पीडीपी की सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को जारी करने के लिए हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुफ्ती ने कहा कि हुर्रियत के लोग अपने ही हैं. अगर हुर्रियत, पाकिस्तान और आतंकियों ने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए माहौल नहीं बनाया होता तो इतना भारी मतदान संभव नहीं था.
दूसरी खबर में लिखा- नई सरकार के गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुफ्ती को बधाई लेकिन भाजपा पर तीखे प्रहार किए. उमर ने ट्विटर पर लिखा कि यह जम्मू-कश्मीर का वही संविधान है जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी को मंजूर नहीं था. उमर ने लिखा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रदेश में दो विधान और दो निशान के खिलाफ आंदोलन करते हुए 23 जून 1953 को अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था लेकिन आज भाजपा उनकी विचारधारा को भूल चुकी है. भाजपा के विधायक प्रदेश के उसी संविधान के तहत मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं. एक और खबर में था- भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के विवादास्पद बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है. भाजपा का कहना है कि राज्य में शांतिपूर्ण और भारी मतदान का श्रेय चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों को जाता है. भाजपा ने रविवार देर रात बयान जारी कर मामले को शांत करने का प्रयास किया. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में कहा कि जम्मू और कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पूरी तरह से चुनाव आयोग, राज्य पुलिस के साथ सुरक्षा बलों को जाता है. साथ ही इसका श्रेय उन लोगों को भी जाता है जो भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं. नवभारत टाइम्स ने तीन मार्च को लिखा- सईद के बयान को लेकर संसद में जोरदार हंगामा हुआ और निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सईद ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने बयान के बारे में बताया था, इसलिए पीएम को सदन में स्पष्टीकरण देना चाहिए. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री से बात हुई है. सईद ने विवादास्पद बयान के बारे में उन्हें नहीं बताया था. जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय चुनाव आयोग, सेना, अर्द्धसैनिक बलों और राज्य के लोगों को जाता हैं. उनके बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया. बयान पर अड़े मुफ्ती- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान और अलगाववादी हुर्रियत को देने के अपने बयान पर विवाद के बावजूद अड़े हुए हैं. अमर उजाला- कई महीनों की मशक्कत के बाद जम्मू-कश्मीर में बनी भाजपा-पीडीपी सरकार पर पहले ही दिन से पड़ा विवादों का साया और घना होता जा रहा है. मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के विवादास्पद बयान से मचा हंगामा अभी शांत नहीं पड़ा था कि उनकी पार्टी ने संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरू के अवशेषों को सौंपने की मांग कर एक नए विवाद को हवा दे दी. इस मुस्लिम बहुल राज्य में पहली बार सत्ता में भागीदारी कर रही भाजपा अपने सहयोगी दल के विवादास्पद बयानों से बड़ी विचित्र स्थिति में फंसती नजर आ रही है.
उत्तर प्रदेश को लेकर अमर उजाला ने ​4 मार्च को खबर लिखी-दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों की चिंता सताने लगी है. पार्टी ने उन राज्यों में जमीन मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है, जहां चुनाव होने हैं. राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की खास नजर है. यूपी में संगठन को धार देने के लिए मंगलवार को शाह ने सूबे के सभी सांसदों की बैठक बुलाई. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के निवास पर हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए. बैठक के दौरान भूमि अधिग्रहण और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच के गठन का मुद्दा जोर शोर से उठा. कैराना के सांसद हुकुम सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों में सरकार विरोधी माहौल बन रहा है. पार्टी को विधानसभा चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि इसके विपरीत भदौही के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त  और चंदौली के सांसद महेंद्र पांडे ने इसे किसानों के हक में बताया. मस्त ने कहा कि अगर भूमि अधिग्रहण बिल की खूबियों को किसानों के सामने सही तरीके से रखा गया तो इसका फायदा जरूर होगा. पांडे ने कहा कि विधेयक में मुआवजे के अच्छे प्रावधान हैं. इसकी खूबियों और ग्रामीण इलाकों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में किसानों को बताना होगा. बहरहाल, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर पार्टी सांसदों की शंकाओं का समाधान किया. दैनिक जागरण- भाजपा मोदी सरकार के कामकाज पर आम जनता के बीच बनाई जा रही धारणा से निपटने की तैयारी में जुट गई है. इस सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश से आने वाले सभी भाजपा सांसदों की बैठक बुलाई. चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बनारस से सांसद हैं, इसीलिए बैठक में वे भी मौजूद थे. बैठक में सभी सांसदों को आम जनता के बीच मोदी सरकार के सकारात्मक कार्यो कोपहुंचाने को कहा गया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा- BJP president Amit Shah had a marathon meeting with the RSS brass in Nagpur on Friday. The meeting with RSS chief Mohan Bhagwat and general secretary Bhaiyyaji Joshi at the Sangh headquarters in Mahal area lasted for over 8 hours. द हिन्दू- Alleging that Tamil Nadu is the number one state in electoral corruption, Bharatiya Janata Party president Amit Shah on Thursday asked party workers to be alert and make efforts to check money flow during elections..

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