FLOP **** (News Rating Point) 16.01.2016
उत्तर प्रदेश में करछना के पूर्व विधायक आनंद कुमार पांडेय उर्फ कलेक्टर पांडेय बसपा से निष्कासन के चलते चर्चा में आये. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया गया. पूर्व विधायक कलेक्टर पांडेय 1996 में भाजपा में शामिल हुए थे. यह सिलसिला टूटा 2004 में, जब उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया. तीन साल बाद यानी 2007 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें करछना विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. उन्होंने भी अपना हक अदा दिया और चुनाव में सपा के दिग्गज नेता कुंवर रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह को करारी शिकस्त दी. यहीं से उनकी पहचान बनीं. वर्ष 2011-12 में होने वाले चुनाव में उन्हें मेजा विधानसभा सीट से उतारा गया, लेकिन तब वह मुंहबोले भाई सपा के गिरीश चंद्र उर्फ गामा पांडेय से हार गए थे. अख़बारों ने लिखा कि उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की सूचना काफी पहले से मिल रही थी. हाल में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बसपा प्रत्याशी केशरी देवी की करारी हार को इस कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)