FLOP *** (News Rating Point) 24.10.2015
इस सप्ताह जजों की नियुक्ति संबंधी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बयान देकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली फंस गए. कुलपहाड़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनके बयान को लेकर छपी खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया. समन जारी कर उन्हें 19 नवंबर को न्यायालय में तलब किया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलपहाड़ अंकित गोयल ने जारी आदेश में लिखा कि कोर्ट के किसी भी आदेश के विरुद्ध टिप्पणी करने का किसी व्यक्ति को अधिकार नहीं है. जजों की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर अरुण जेटली द्वारा जजों की नियुक्ति को लेकर की गई टिप्पणी निसंदेह रूप से विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा व अवमानना पैदा करने वाली प्रथम दृष्टया प्रतीत होती है. यह टिप्पणी भ्रम फैलाने वाली भी प्रतीत होती है. इस विवेचन के आधार पर अरुण जेटली का कृत धारा 124ए, 505 आईपीसी के अंतर्गत आता प्रतीत होता है. वित्त मंत्री के बयान को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित किया गया है. इस मामले में यह कोर्ट धारा 190(1) (सी) सीआरपीसी में प्रसंज्ञान लेती है. न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलपहाड़ की अदालत ने उक्त धाराओं में प्रसंज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली को समन जारी कर 19 नवंबर को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)