FLOP *** (News Rating Point) 19.12.2015
इस सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के निशाने पर रहे. दरअसल अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर मंगलवार को पड़े सीबीआई छापे के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं उनकी खुद की पार्टी के सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि डीडीसीए मामले में केजरीवाल के जेटली पर लगाए आरोप सही हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल ने लगातार जेटली पर निशाना साधा. केजरीवाल ने शुरुआत में ही बोल दिया था कि “सीबीआई राजेंद्र कुमार के ऑफिस में डीडीसीए घोटाले की फाइल तलाशने आई थी. इस घोटाले में जेटली फंस रहे हैं.” आरोप लगा कि DDCA में पिछले 10 साल के दौरान 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी हुई. रीजनल डायरेक्टर ए.के. चतुर्वेदी और दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार डी. बंद्योपाध्याय ने इसकी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की. कीर्ति आजाद के मुताबिक, उन्होंने जेटली को डीडीसीए अफसरों के करप्शन पर 200 से ज्यादा चिट्ठियां लिखीं, लेकिन जेटली ने उनका कोई जवाब नहीं दिया. आरोप है कि स्टेडियम कंस्ट्रक्शन में 24 करोड़ रुपए खर्च होने थे, लेकिन 130 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी काम पूरा नहीं हो सका. इसके बाद बुधवार को कांग्रेस ने अरुण जेटली के अध्यक्ष रहते दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में हुई वित्तीय अनियमितताओं की संयुक्त संसदीय समिति (जीपीसी) से जांच करवाए जाने की मांग की. इसके बाद आप ने पांच सवाल पूछे. आप ने तंज कसते हुए कहा था कि पूरी भारतीय जनता पार्टी डीडीसीए में घोटाले के आरोपी अरुण जेटली को क्लीन चिट देने में लगी है. अगर इसी तरह क्लीन चिट मिलती है, तो अदालत का क्या काम है? आप नेता संजय सिंह ने कहा कि अरुण जेटली के डीडीसीए का अध्यक्ष रहते जमकर भ्रष्टाचार हुआ. जबकि भाजपा ने कहा कि आम आदमी पार्टी केजरीवाल के प्रधान सचिव पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की चालें चल रही है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)