FLOP *** (News Rating Point) 30.05.2015
केंद्र सरकार और उप राज्यपाल से जंग लड़ रहे अरविन्द केजरीवाल को शुक्रवार को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया. पहले बुधवार को केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में पेश प्रस्ताव ध्वनिमत से पास कर दिया गया. प्रस्ताव में नोटिफिकेशन को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया गया. प्रस्ताव के मुताबिक, राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया कि वे सुप्रीम कोर्ट से राय लेकर दिल्ली के मामलों में केंद्र की भूमिका स्पष्ट करें. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने जिस मामले में सोमवार को यह फैसला दिया है वह दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्सटेबल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर अर्जी का था. दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत आई थी कि पुलिस ने उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर 20 हजार रुपये मांगे हैं. 10 हजार देने के बाद शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपये और देने थे. एसीबी ने हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार को 2 मई को रंगे हाथों अरेस्ट किया था. हेड कॉन्स्टेबल ने कहा था कि एसीबी को यह अधिकार नहीं है कि वह पुलिसकर्मी को गिरफ्तार करे, क्योंकि दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है. लेकिन जस्टिस विपिन सांघी की बेंच ने हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार की अर्जी और जमानत अर्जी, दोनों खारिज कर दीं. लेकिन इस सप्ताह का शुक्रवार केजरीवाल पर भारी बीता. अरविन्द केजरीवाल को कोर्ट से एक दिन में दो बड़े झटके लगे. सुप्रीम कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की शक्तियों को लेकर जारी केंद्र की अधिसूचना मामले में दिल्ली सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा. वहीं हाईकोर्ट ने अफसरों के तबादले-तैनाती को लेकर सरकार और एलजी के बीच मची खींचतान पर कहा, ‘नियुक्ति का अधिकार एलजी के पास ही रहेगा. सरकार सिर्फ उन्हें सुझाव भेज सकती है.’
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)