Arvind Kejriwal AAP

0

FLOP ** (News Rating Point) 16.01.2016
डीडीसीए मामले में अरुण जेटली के मानहानि के दावे के जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अदालत में अपनी नायाब दलील के चलते चर्चा में रहे. उनका कहा, ‘जेटली का यह दावा कि आम लोगों के बीच उनकी छवि एक सम्मानित व्यक्ति की है, बढ़ा-चढ़ाकर किया गया दावा है, जिसका कोई आधार नहीं… 2014 के चुनाव में बीजेपी की सफलता के बावजूद जेटली एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे… भारतीय लोकतंत्र ने कभी इनके सार्वजनिक सम्मान के दावे को स्वीकार नहीं किया…’ ज़ाहिर है, केजरीवाल के दावे पर तो अदालत में ही फैसला होगा, लेकिन उनकी दलील ने लोकतंत्र में एक नई बहस छेड़ने की गुंजाइश तो पैदा कर ही दी है। केजरीवाल की बात मानें तो ऐसे नेता, जिन्हें जनता ने चुनाव में नकार दिया है, उनका कोई सार्वजनिक सम्मान नहीं. लेकिन उनके इस बयान से बहस छिड़ गयी और वह भी विरोधियों के निशाने पर आ गए. क्योंकि केजरीवाल जिस साफ-सुथरी राजनीति की बात करते हुए सार्वजनिक जीवन में आए थे, वहां उनसे कई उम्मीदें लगाई गई थीं. मगर अदालत में दी गई उनकी दलील लोगों को खटक गयी. क्योंकि जिस चुनाव में अरुण जेटली हारे थे. उसी चुनाव में वह खुद बनारस में नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हुए थे और मोदी ने उन्हें तीन लाख सैंतीस हजार वोटों से हराया. विरोधियों ने सवाल उठाया कि इस हिसाब से अरविन्द केजरीवाल की भी सार्वजनिक छवि अच्छी नहीं है. अगर अरुण जेटली की हार का फासला एक लाख वोट का था, तो आम आदमी पार्टी की हार का फासला तो अथाह था. 434 में सिर्फ चार सीटों पर जीत, यानी एक फीसदी से भी कम. पार्टी को दो फीसदी से भी कम वोट मिले और इसके 414 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)

[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=7ByExEEdbwk” width=”400″ height=”300″]
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=Cyxg6yv9VT0″ width=”400″ height=”300″]
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=AjttVW0jiC4″ width=”400″ height=”300″]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here