Arvind Kejriwal AAP

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FLOP *** (News Rating Point) 07.05.2016
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटकने की वजह से खबरों में रहे. इन 21 विधायकों को बीते साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. अब इन विधायकों को ‘लाभ का पद’ रखने के मामले में अयोग्य करार दिया जा सकता है. इन विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए बीते साल जून में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी याचिका दी गई थी. चुनाव आयोग ने विधायकों को 11 अप्रैल तक इस याचिका पर जवाब देने का समय दिया था. हालांकि संबंधित 21 विधायकों ने शुक्रवार को इस याचिका पर जवाब देने के लिए 6 से आठ हफ्ते का और समय मांगा है. इसके पीछे वजह यह दी गई है कि संसदीय सचिवों को मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों के बारे में सरकार से जानकारी लेने के लिए और समय की जरूरत है, क्योंकि इसके लिए सरकार के अलग-अलग विभागों से जानकारी लेनी होगी. अखबारों ने लिखा कि चुने गए संसदीय सचिवों में से एक का कहना है कि इस मामले को ‘लाभ का पद’ रखने से नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि हमें अन्य मंत्रियों की तरह सचिवालय में अलग से कोई कमरे नहीं मिले. विधानसभा में जो भी होता है वह स्पीकर का फैसला होता है, न कि सरकार का. चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक अब मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त मिलकर अब फैसला लेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति से क्या सिफारिश करनी है और आखिरी फैसले पर राष्ट्रपति अपनी मुहर लगाएंगे. इससे पहले भी विधायकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है तो कुछ भी संभव है.

(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)

 

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