FLOP *** (News Rating Point)
अरविन्द कुमार त्रिपाठी उर्फ़ गुड्डू त्रिपाठी बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के वजह से इस सप्ताह चर्चा में रहे. अखबारों ने लिखा कि मायावती ने दो विधायकों और एक पूर्व एमएलसी समेत चार को सोमवार को पार्टी से निकाल दिया. निकाले जाने वालों में लखीमपुर के विधायक हरविंदर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी, हरदोई की मल्लावां सीट से विधायक बृजेश कुमार, एमएलसी रहे अरविंद त्रिपाठी उर्फ गुड्डू त्रिपाठी और लखीमपुर के राजेश वाल्मीकि शामिल हैं. पार्टी प्रमुख मायावती के निर्देश पर राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और जोनल को-ऑर्डीनेटर अशोक सिद्धार्थ ने यह कार्रवाई की. निष्कासन के आदेश में इन्हें निकाले जाने का कारण पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त बताया गया है. दूसरी पार्टियों से संपर्क में होने की भनक लगने पर पार्टी ने यह कार्रवाई की है. इन सभी पर यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण की गई. दरअसल उन्नाव के पूर्व एमएलसी गुड्डू त्रिपाठी पर लखनऊ में कृष्णा नगर की एक जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप है. इस जमीन के चक्कर में पार्टी कि काफी बदनामी हुई है. जिसके चलते मायावती ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक यह जमीन विवाद काफी दिनों से चल रहा था. जिसके चलते यह मामला स्थानीय अख़बारों में काफी चर्चा का विषय बना और पार्टी की इससे छवि धूमिल हुई. पार्टी सुप्रीमो मायावती के संज्ञान में जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने पूर्व एमएलसी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. नवभारत टाइम्स ने लिखा कि बीएसपी के विधानमंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बगावत के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती नरम पड़ गई हैं. रोमी साहनी के साथ ही निकाले गए पूर्व एमएलसी अरविंद त्रिपाठी उर्फ गुड्डू त्रिपाठी की भी वापसी की चर्चा तेज है. वह बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के खेमे के माने जाते हैं और बृजेश पाठक के रिश्तेदार हैं. बताया जा रहा है कि मायावती के प्रति निष्ठा दिखाने वालों की पार्टी में वापसी हो सकती है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)