HIT *** (News Rating Point) 09.05.2015
पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से महाराणा प्रताप जयन्ती पर छुट्टी का निवेदन और फिर प्रदेश सरकार के छुट्टी घोषित कर देने के चलते उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद कुमार सिंह गोप इस सप्ताह चर्चा में रहे. अमर उजाला ने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर छुट्टी के बाद महाराणा प्रताप की जयंती पर भी सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर राज्य की सपा सरकार ने क्षत्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने की सियासी चाल चल दी है. प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से हर दल अपनी-अपनी चाल चल रहा है. समाजवादी पार्टी से अमर सिंह की विदाई के बाद सपा अर्से तक किसी ठाकुर चेहरे को आगे नहीं कर पाई. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया सूबे में क्षत्रियों के बीच अच्छी पहचान रखते हैं लेकिन सपा सरकार में शामिल होने के बावजूद वे उसके सदस्य नहीं हैं. पार्टी ने उन्हें मंत्री तो बनाया लेकिन कभी भी क्षत्रिय चेहरे के रूप में पेश नहीं किया. पिछले दिनों जनता परिवार के विलय को लेकर चर्चा के दौरान राजा भैया ने साइकिल चुनाव चिह्न को बनाए रखने की वकालत कर अपनी भूमिका बढ़ाने की ओर संकेत जरूर किया, लेकिन सपा ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दिया. दूसरे क्षत्रिय मंत्री हों या विधायक, किसी को नेता के रूप में आगे नहीं बढ़ाया गया.अर्से बाद ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद कुमार सिंह गोप को पार्टी ने प्रदेश महासचिव बनाकर क्षत्रियों को जोड़ने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया. इसके बाद क्षत्रिय नेताओं की सक्रियता अचानक बढ़ गई और सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कराया गया. पार्टी इसका सियासी फायदा लेने में पूरी तरह सक्रिय नजर आई. सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए सरकार के प्रति आभार सम्मेलन भी किया गया. इसके बाद क्षत्रियों के स्वाभिमान से जुड़े महाराणा प्रताप की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग आगे बढ़ी. बताया जाता है कि गोप ने ही सरकार सेइस मांग की पैरवी की थी. सरकार ने बिना देर किए महाराणा प्रताप जयंती पर भी सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया.
पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से महाराणा प्रताप जयन्ती पर छुट्टी का निवेदन और फिर प्रदेश सरकार के छुट्टी घोषित कर देने के चलते उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद कुमार सिंह गोप इस सप्ताह चर्चा में रहे. अमर उजाला ने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर छुट्टी के बाद महाराणा प्रताप की जयंती पर भी सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर राज्य की सपा सरकार ने क्षत्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने की सियासी चाल चल दी है. प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से हर दल अपनी-अपनी चाल चल रहा है. समाजवादी पार्टी से अमर सिंह की विदाई के बाद सपा अर्से तक किसी ठाकुर चेहरे को आगे नहीं कर पाई. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया सूबे में क्षत्रियों के बीच अच्छी पहचान रखते हैं लेकिन सपा सरकार में शामिल होने के बावजूद वे उसके सदस्य नहीं हैं. पार्टी ने उन्हें मंत्री तो बनाया लेकिन कभी भी क्षत्रिय चेहरे के रूप में पेश नहीं किया. पिछले दिनों जनता परिवार के विलय को लेकर चर्चा के दौरान राजा भैया ने साइकिल चुनाव चिह्न को बनाए रखने की वकालत कर अपनी भूमिका बढ़ाने की ओर संकेत जरूर किया, लेकिन सपा ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दिया. दूसरे क्षत्रिय मंत्री हों या विधायक, किसी को नेता के रूप में आगे नहीं बढ़ाया गया.अर्से बाद ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद कुमार सिंह गोप को पार्टी ने प्रदेश महासचिव बनाकर क्षत्रियों को जोड़ने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया. इसके बाद क्षत्रिय नेताओं की सक्रियता अचानक बढ़ गई और सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कराया गया. पार्टी इसका सियासी फायदा लेने में पूरी तरह सक्रिय नजर आई. सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए सरकार के प्रति आभार सम्मेलन भी किया गया. इसके बाद क्षत्रियों के स्वाभिमान से जुड़े महाराणा प्रताप की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग आगे बढ़ी. बताया जाता है कि गोप ने ही सरकार सेइस मांग की पैरवी की थी. सरकार ने बिना देर किए महाराणा प्रताप जयंती पर भी सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)