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(NRP) 19.01.2016
हैदराबाद में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी का के बाद बंडारू दत्तात्रेय निशाने पर आ गए हैं. मोदी सरकार के मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है. दत्तात्रेय ने खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से इनकार कर दिया है. बंडारू दत्तात्रेय पर लगे आरोपों की जांच के लिए केंद्र ने जांच समिति का गठन किया है. केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बंडारु दत्तात्रेय के खिलाफ हैदराबाद में भी छात्र सड़क पर उतरे और हैदराबाद में उनपर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया. उल्लेखनीय है कि रोहित वेमुला को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल से निकाल दिया था, इसके बाद रोहित ने रविवार को खुदकुशी कर ली थी. रोहित वेमुला आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन से जुड़े थे. बंडारू दत्तात्रेय ने इस संगठन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए कार्रवाई लिए शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी. आरोप है कि इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया था. हॉस्टल से निकाले गए सभी छात्र आंबेडर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के थे. इन्हीं में से एक छात्र रोहित वेमुला ने पंखे से लटकर अपनी जान दे दी थी. दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत मुंबई हमले के दोषी याकूब मेमन की फांसी के दौरान हुई, जब सीपीएम से जुड़े छात्र संगठन एसएफआई के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया था. उस समय एवीबीपी के छात्र संगठन से जुडे एक छात्र ने ट्विटर पर अपना विरोध जाताया था. इसके बाद कुछ दलित छात्रों पर आरोप लगा कि उन्होंने विरोध के दौरान एक छात्र को पीटा जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई थी. पीड़ित छात्र की मां तब अदालत भी पहुंची थी और मामले ने तूल पकड़ लिया था.