बांके बिहारी मंदिर भगदड़ ने कराई फजीहत, जांच के आदेश, रेटिंग डाउन

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। लखनऊ कोई ऐसा चैनल, अखबार और पोर्टल नही होगा, जहां बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ से दो लोगों के मौत की खबर न छपी हो। सरकार के लिए सबसे अजीब स्थिति उस वीडियो से बनी, जिसमें मंदिर में मथुरा के बड़े अफसर सेल्फी लेते नजर आए। बहरहाल यह घटना सरकार को बहुत नागवार गुजरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
भास्कर ने लिखा कि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात मंगला आरती के बाद हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और दम घुटने से 6 लोग बीमार हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जो कुछ हुआ उसके लिए अफसरों की लापरवाही और वीआईपी कल्चर जिम्मेदार है। जिस वक्त मंदिर के आंगन में भीड़ बेकाबू हो रही थी, उस समय अफसर वीडियो बना रहे थे।
घटना के समय मथुरा के डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त मंदिर में अपने परिवार के साथ मौजूद थे। एसएसपी, नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि डीएम बगल में खड़े थे। इन अफसरों ने भीड़ में दब रहे लोगों की चीखें सुनकर भी व्यवस्था बनाने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि वे परिवार के साथ मंदिर की बालकनी में खड़े होकर वीडियो बनाने में व्यस्त थे।
सोशल मीडिया में अफसरों का ये व्यवहार आलोचना का विषय बना। अमर उजाला ने लिखा कि जन्माष्टमी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हुए हादसे का कारण क्षमता से अधिक भीड़ आना बताया जा रहा है। नवभारत टाइम्स ने लिखा कि हादसे के बाद एडीजी आगरा वृंदावन पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
हिंदुस्तान ने लिखा कि फरीदाबाद की सुभाष कॉलोनी से बांकेबिहारी के दर्शन को आईं मनीता पत्नी नेत्रपाल ने बताया कि उन्हें मंगला आरती के बारे में पता चला तो वह वृंदावन में रुक गए। उन्हें नहीं पता था कि मंगला आरती में इतनी भीड़ होगी। वह और उनके पति एवं पड़ोसी भीड़ में बुरी तरह से फंस गए। वह जैसे ही नीचे हुईं भीड़ में दब गईं। पति ने जब उन्हें गिरते देखा तो पुलिस के सहयोग से बाहर निकाला और फिर अस्पताल में भर्ती कराया। घटना से सिहरे नेत्रपाल ने कहा कि एक बार वह भी घबरा गए थे कि भीड़ से बचकर कैसे बाहर निकलेंगे।
दैनिक जागरण ने लिखा कि मंदिर में जिस समय हादसा हुआ उस समय डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त सहित भारी पुलिस बल मौजूद था। हादसा होते ही पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मियों ने बेहोश हो रहे श्रद्धालुओं को मंदिर से निकालना शुरू कर दिया।
बहरहाल इस हादसे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत नाराज़ हैं। बांके बिहारी मंदिर में घटना के जांच के लिए पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया है। ये घटना किन परिस्थितियों में हुई, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और मंदिर परिसर में व्यवस्था सुधार को लेकर जांच समिति गठित की गई है। अलीगढ़ के मंडलायुक्त गौरव दयाल भी समिति के सदस्य होंगे।

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