लखनऊ। सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों की व्यवस्था पटरी पर लाने के प्रयासों के तहत उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक फिर चर्चा में आये। एक ट्वीट के जरिए मरीज़ की दुश्वारी जानने के बाद पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए। इस खबर को अमर उजाला, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स समेत तमाम अखबारों ने प्रमुखता से छापा। प्रमुख न्यूज़ पोर्टल्स ने भी खबर को स्थान दिया।
दरअसल निर्देशों के बावजूद इलाज के लिए केजीएमयू आने वाले मरीजों को डॉक्टरों कर्मचारियों से उपेक्षा झेलनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला डिप्टी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान में आया तो उन्होंने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने केजीएमयू प्रशासन से मामले पर जवाब मांगते हुए दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
के०जी०एम०यू, लखनऊ में अपनी माँ के इलाज हेतु आये एक बेटे के साथ अभद्र व्यवहार व उचित इलाज न होने के प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेकर मैंने उक्त प्रकरण पर जिम्मेदार अधिकारियों से आख्या प्रस्तुत करने एवं जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) April 17, 2022
ट्रॉमा सेंटर में शनिवार को 45 वर्षीय महिला सरिता को न्यूरो संबंधी समस्या की वजह से लाया गया था। महिला की खून की नली फूल रही थी। हालत बिगड़ती देख तीमारदारों ने इलाज का अनुरोध किया। न्यूरो सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टर और रेजिडेंट ने इलाज तो दूर उल्टे तीमारदारों से बदसुलुकी की। इसकी शिकायत चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक के पास पहुंच गई। इसका उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए केजीएमयू प्रशासन को फटकार लगाई। इसके बाद महिला का इलाज शुरू किया गया। ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू प्रशासन से संबंधित मामले में रिपोर्ट तलब की है।