HIT 1/2* (News Rating Point) 13.02.2016
उत्तर प्रदेश में चल रहे विधान परिषद चुनाव के लिए माफिया डॉन बृजेश सिंह इस सप्ताह अपना नामांकन दाखिल करने की वजह से चर्चा में रहा. वाराणसी से जेल में बंद बृजेश सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया. ब्रिजेश ने इससे पहले विधानसभा चुनाव में चंदौली के सैयदराजा विधानसभा सीट से भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. तमाम कोशिशों के बाद भी उसे इसमें मुंह की खानी पड़ी थी.इसके अलावा बसपा से निकाली गयीं उसकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने भी वाराणसी से ही विधान परिषद सदस्य पद के लिए पर्चा दाखिल किया.
अख़बारों ने नामांकन की ख़बरों के साथ उसके आराधिक इतिहास की भी उल्लेख किया. धरहरा गांव में 27 अगस्त 1984 में हरिहर सिंह और पांचू सिंह ने राजनीतिक वर्चस्व के कारण रविंद्र सिंह की हत्या कर दिया था. इसके एक साल बाद रविंद्र सिंह का बेटा बृजेश सिंह ने बीएससी की पढ़ाई छोड़कर 27 मई 1985 को हरिहर सिंह की हत्या कर दी. इसके बाद अपराध दुनिया में शामिल हुए बृजेश ने 9 अप्रैल 1986 को सिकरौरा गांव में पांच लोगों को गोलियों से भून दिया. इसी अपराध में पहली बार गिरफ्तार होकर उसे जेल जाना पड़ा. जेल में ही गाजीपुर के मुडियार गांव के नामी अपराधी त्रिभुवन सिंह से उसकी मुलाकात हुई और उसने गैंग बनाकर अपराध करना शुरू कर दिया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)