आजमगढ़ लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आने के बावजूद गुड्डू जमाली की जबरदस्त चर्चा

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आजमगढ़। आजमगढ़ लोकसभा सीट से जीत भले ही बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने दर्ज की हो लेकिन समीकरण साफ-साफ बता रहे हैं कि उनकी इस जीत के सूत्रधार बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली रहे। अगर गुड्डू जमाली न होते शायद ही धर्मेंद्र यादव को हार सहनी पड़ती। शुरुआती काउंटिंग में तो नंबर एक पर आकर जमाली ने सबको चौंका दिया था। यही वजह है कि हार के बावजूद सबसे ज्यादा चर्चा में गुड्डू जमाली है।
जमाली ने कहा कि “मैं किसी को हराने-जिताने के लिए नहीं लड़ा. मैं कोई डमी कैंडिडेट नहीं. हमारी पार्टी ने पूरी मजबूती से चुनाव लड़ा. कुछ कमी रह गई. 2024 में इस कमी को दूर करेंगे.”
गुड्डू एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी में उतर गए. उन्होंने रियल एस्टेट में नाम के साथ खूब पैसा भी कमाया. विधानसभा चुनाव 2022 में दिए शपथ पत्र के अनुसार गुड्डू जमाली के पास 195.9 करोड़ की कुल संपत्ति है.
आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव को जमाली ने त्रिकोणीय बना दिया. आजमगढ़ में बीएसपी ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को दोबारा अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं इस बार एसपी ने सैफई परिवार से जुड़े धर्मेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. गुड्डू जमाली को छोड़कर दोनों ही प्रत्याशी बाहरी थे. गुड्डू जमाली आजमगढ़ की मुस्लिम बहुल सीट मुबारकपुर विधानसभा से 2012 और 2017 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. वो स्थानीय नेता हैं और बीते एक दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. निरुहवा की जीत के पीछे सबसे बड़ा नाम कोई है तो वो गुड्डू जमाली का ही है। जमाली को मिले वोट इस उपचुनाव की कहानी कह रहे हैं।
जमाली 2022 में चुनाव से पहले बीएसपी का दामन छोड़कर ओवैसी की पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे थे. अपनी मजबूत पकड़ के चलते ही इस चुनाव में एसपी और बीजेपी के आगे अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे.

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