तबादलों में गड़बड़ी, एसीएस अमित मोहन पर डिप्टी सीएम सख्त, कड़ा पत्र लिखा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को पटरी में लाने में जुटे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के रडार पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन चढ़े। पाठक ने सख्त लहज़े में पत्र लिख स्थानांतरण नीति का पूर्णतः पालन नहीं होने पर नाराज़गी जताई।
डिप्टी सीएम ने एसीएस को लिखा है कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गये हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है। अतः जिन-जिन का स्थानांतरण किया गया है, उनके स्थानांतरण किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए उनका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जायें।
मुझे यह भी अवगत कराया गया है कि लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में स्थित बड़े अस्पतालों, जहाँ विशेषज्ञ डाक्टरों की अत्यन्त आवश्यकता है, से बड़ी संख्या में डाक्टरों को हटा तो दिया गया है लेकिन उनके स्थान पर प्रतिस्थानी की नियुक्तियां नहीं की गयी हैं। लखनऊ प्रदेश की राजधानी है, यहाँ वैसे भी विशेषज्ञ डाक्टरों की पहले से ही कभी है तथा प्रदेश के हर जनपद से गम्भीर मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर करके भेजा जाता है ताकि उनका समुचित इलाज सम्भव हो सके, ऐसे में इतने महत्वपूर्ण व बड़े अस्पतालों तथा अन्य जनपदों के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डाक्टरों का स्थानातरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को तैनात न करने के फलस्वरूप चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है, पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाये।
जिन-जिन डाक्टरों का स्थानांतरण किया गया है, क्या यह सत्यापित कर लिया गया है कि स्थानांतरित डाक्टरों की अवधि से अधिक अवधि वाला कोई भी चिकित्साधिकारी उस जनपद / मण्डल / अस्पताल में अब कार्यरत नहीं है?
कितने चिकित्साधिकारी विभिन्न स्थानों में सम्बद्ध हैं तथा उनके सम्बद्धीकरण पर निर्णय कब किया जायेगा? सम्बद्ध चिकित्साधिकारियों के विवरण सहित उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये।
उल्लेखनीय है कि डिप्टी सीएम बनने के साथ ही ब्रजेश पाठक ने सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त कराने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में छापेमारी शुरू की। साथ ही सोशल मीडिया की जरिए जानकारी मिलने पर लोगों को चिकित्सा उपलब्ध कराई। साथ ही गलत करने वाले चिकित्सा से जुड़े लोगों पर कार्रवाई भी की। अब उनकी नजर में एसीएस अमित मोहन आए हैं। कम से कम ये पत्र यही दर्शा रहा है।

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