Dr SN Kureel, KGMU, Lucknow

0

(News Rating Point) 01.05.2016
लखनऊ : कानपुर के प्रधानपुर गांव में रहने वाला परिवार बेहद खुश है। उनकी ढाई साल की लाडो को अब मूत्रशय की जन्मजात समस्या से निजात मिल गई है। खास बात यह है कि परिवार को इलाज के लिए जरूरी लगभग पांच लाख की रकम का इंतजाम भी नहीं करना पड़ा। डॉक्टरों ने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सर्जरी में धन की कमी आड़े नहीं आने दी। डॉक्टरों व स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से खर्च वहन हुआ।
दैनिक जागरण ने लिखा कि आज परिवार अपनी पूर्ण रूप से सामान्य हो चुकी लाडो को लेकर घर वापसी के लिए तैयारी कर रहा है।1बताते चलें कि लाडो जब पैदा हुई तो खुशी मिनट भर में ही काफूर हो गई। वजह यह थी कि उसे पैदाइशी ‘ब्लैडर एक्सट्रॉफी’ की समस्या थी, जिसमें मूत्रशय खुला हुआ रहता है, जिससे शिशु की पेशाब लगातार टपकती रहती है। यही नहीं अंग देखने में काफी वीभत्स जान पड़ते हैं। लगभग नौ माह इधर-उधर भटकने के बाद लाडो का परिवार केजीएमयू पहुंचा। उन्हें कानपुर मेडिकल कॉलेज में बताया गया कि केजीएमयू के पीडियाटिक सर्जरी विभाग में इसका उपचार संभव है। 1विभागाध्यक्ष प्रो. एसएन कुरील ने बताया कि ब्लैडर एक्सट्राफी के इलाज में 7-8 घंटे का समय लगता है। मरीज को 21 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। साथ ही दवाइयों व अन्य चीजों को मिलाकर करीब पांच लाख रुपये का खर्च आता है। 1प्रो. कुरील के अनुसार परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह इस खर्च को वहन कर सके। चूंकि यह वर्ष महिला सशक्तीकरण के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसे में हम लोगों ने यह तय किया कि बच्ची का इलाज संसाधनों को जुटा कर किया जाएगा। प्रो. कुरील बताते हैं कि ब्लैडर एक्सट्राफी की सर्जरी की जो तकनीक उन्होंने विकसित की है वह अमेरिकन जरनल में प्रकाशित हुई है और जिसे पीडियाटिक यूरोलॉजी की बुक में थी कोट किया गया है। लाडो की सर्जरी बीती एक अप्रैल को की गई थी और अब वह बिल्कुल स्वस्थ है। 1उन्होंने बताया कि यह समस्या 35000 में से एक बच्चे में होती है। पश्चिम में इसके लिए कई स्तरों में सर्जरी की जाती थी। यही नहीं सर्जरी विफल होने की भी आशंका काफी रहती थी, जबकि प्रो. कुरील ने जो तकनीक विकसित की है उसे विश्वभर में मान्यता मिली है। इस सर्जरी टीम में प्रो. एसएन कुरील के अलावा डॉ. अर्चिका, डॉ.दिगंबर व सिस्टर वंदना, डॉ.अनीता मलिक, डॉ. विनीता सिंह, वार्ड सिस्टर राजदई व अन्य चिकित्सा कर्मी शामिल थे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here