लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा को बुधवार को उनके मूल कैडर वापस भेज दिया गया। उन्होंने आज सुबह लखनऊ में पदभार गृहण कर लिया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। मिश्रा की सेवानिवृत्ति से महज दो दिन पहले एक आदेश में यह जानकारी दी गयी।
कार्मिक मंत्रालय ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी मिश्रा को उनके मूल कैडर में भेजा जा रहा है। मिश्रा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने ‘उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के मुख्य सचिव के रूप में प्रस्तावित नियुक्ति’ के लिए मिश्रा को उनके कैडर में भेजने की स्वीकृति दे दी है। फिलहाल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार तिवारी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। तिवारी फरवरी 2023 में सेवानिवृत्त होंगे।
मऊ जिले के मधुबन तहसील क्षेत्र के पहाड़ीपुर गांव में दुर्गा शंकर मिश्रा के मुख्य सचिव बनाए जाने से गांव में लोग खुशी से झूम उठे हैं। इस अवसर पर शुभचिंतकों तथा ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से पूजन-अर्चन किया और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही दुर्गा शंकर अपने पैतृक गांव आए थे और कुलदेवता एवं ग्राम देवता की पूजा कर दिल्ली रवाना हुए थे। वरिष्ठ आईएएस दुर्गा शंकर मिश्रा को अगर ‘मेट्रो मैन’ कहा जाए, तो कहीं से भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पहले आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय सचिव हैं जिनके कार्यकाल में एक-दो नहीं बल्कि पूरे पांच शहरों मेट्रो रेल प्रॉजेक्ट्स पूरे हुए। कानपुर मेट्रो सेवा भी उन्हीं के रहते स्वीकृति मिली और चली भी।
1984 बैच के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में होती है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की नौकरशाही में बड़ा बदलाव करते हुए राजेंद्र कुमार तिवारी को हटाकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात दुर्गा शंकर मिश्रा को मुख्य सचिव बनाने का फैसला किया गया है।