एनआरपी डेस्क
लखनऊ। कहने को तो किसानों की आमदनी बढ़ी है लेकिन असल बात यह है किसान खुशहाली से कोसों दूर हैं। लखनऊ से प्रकाशित अमृत विचार में भास्कर दुबे ने खबर लिखी है। खबर में लिखा है कि संसदीय समिति के एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं कि किसानों की आमदनी तो बढ़ी है, लेकिन महंगे होते खेती के उत्पादों की वजह से खुशहाली से उनकी दूरी बरकरार है। संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि कृषि, किसान और खेत मजदूर के कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय आयोग बनाया जाए, जो खेतीहर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करे और उनकी मेहनत का उचित भुगतान उन्हें मिल सके।