नौ बार मंत्री रह चुके हरक सिंह रावत इस समय राजनीति में खुद की फजीहत देख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्रीपद से बर्खास्त कर दिया और भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. कांग्रेस में जाने की जुगत में लगे रहे हरक सिंह लेकिन उनकी जॉइनिंग में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने यह कहकर अडंगा लगा दिया कि हरक पहले माफ़ी मांगे. कांग्रेस में उनका विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है.रुद्रप्रयाग जिला कांग्रेस महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए प्रदेश अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष को सौंप दिया है. उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान को 2016 की घटना को नहीं भूलना चाहिए, जिसमें हरक सिंह ने बगावत कर सरकार गिराई थी. उन्होंने प्रदेश में सिर्फ गलत राजनीति को बढ़ावा दिया है, जो सही नहीं है. 2012 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस के टिकट से विधानसभा पहुंचने वाले डा. हरक सिंह रावत ने 2016 में पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था. अब, भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया है, जिससे वह पुन: कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली में डटे हुए हैं. लेकिन रुद्रप्रयाग कांग्रेस में डा. हरक सिंह रावत का विरोध जोर पकड़ने लगा है.