FLOP *** (News Rating Point) 06.06.2015
इस सप्ताह केदारनाथ आपदा के दौरान राहत के नाम पर अधिकारियों की ऐश के मामले को लेकर उत्तरखंड सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस मामले की जांच रिपोर्ट 15 दिन के अंदर सौंपने संबंधी आदेश के बावजूद विपक्ष का कहना है कि यह जांच इस मामले को दबाने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है. विपक्षी दल बीजेपी जहां सरकार पर इस मुद्दे को दबाने की नियत से मामले की सीबीआई जांच से बचने का आरोप लगा रही है, वहीं वह सरकार से इस संवेदनशील मुद्दे पर इस्तीफा देने की भी मांग कर रही है. केदारनाथ त्रासदी के समय विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री थे. इस मामले में बहुगुणा का कहना है कि आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामान की कीमत मे भारी इजाफा हो गया था, इसलिए जांच इस बात की होनी चाहिए कि क्या सामान सस्ता होने के बाद भी महंगा दिखाया गया. उन्होंने कहा कि अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच जरूर होनी चाहिए. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए इसे शर्मनाक करार दिया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)