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यूपी सरकार का सबसे बड़ा बजट, सबसे जबरदस्त कवरेज

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार का आठवां बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में सोमवार को पेश किया। 2017 में योगी सरकार ने पहला बजट पेश करते हुए कहा था, ‘राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम राम का स्मरण करना हमारी प्रतिबद्धता है।’ अयोध्या में राममंदिर के निर्माण व प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प पूरा होने के बाद सोमवार को आठवां बजट आया तो सरकार रामपथ पर ही विकास का रथ आगे बढ़ाती दिखी। जैसे यूपी सरकार ने प्रदेश का सबसे बड़ा बजट दिया, उसी तरह से इस बजट को पूरे देश की मीडिया ने जबरदस्त रिस्पॉन्स दिया। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सब जगह बेहतरीन कवरेज नज़र आयी।

 

सच हो रहा है ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के भव्य मंदिर का सपना

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(ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ पर एक संस्मरण) 
गिरीश पांडेय
लखनऊ। बात साल 2014 की है।  गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ 96 साल के हो चुके थे। उम्रजनित रोगों के कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था। जुलाई में स्थित गंभीर होने पर योगी जी ने उनको गुड़गांव के मेदांता में भर्ती कराया। तब उनको देखने अशोक सिंघल आए । दोनों देर तक एक दूसरे को देखते रहे। अंत में गुरुदेव ने सिर्फ इतना कहा,”अशोकजी मैं मंदिर का निर्माण देख नहीं पाऊंगा क्या”?
याददाश्त कमजोर थी तब भी उनको मंदिर याद था।
चूंकि यह बड़े महाराज (प्यार से ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को लोग यही कहते थे) का एक ही सपना था,उनके जीते जी अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण उनके जीववंकाल में हो। लिहाजा जब उम्र साथ छोड़ने लगी तो राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा कोई भी महत्वपूर्ण व्यक्ति उनके पास आता था तो यह सवाल वह उनसे कई बार पूछते थे। तब भी जब वह बढ़ती उम्र की वजह से भूलने लगे थे। क्योंकि यह एक सवाल था, एक ऐसा सपना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया था कि यह उनके दिलो दिमाग पर अमिट रूप से चस्पा हो गया था।
हर मिलने वाले से करते थे सामाजिक समरसता और मंदिर निर्माण की बात
ऐसे ही एक वाकए का संयोगन मैं भी साक्षी रहा। वाकया करीब डेढ़ दशक पहले का होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक रहे सुदर्शन जी का गोरखपुर में किसी कार्यक्रम में आना हुआ। उम्रजनित कारणों से महंत अवेद्यनाथ की तबीयत खराब रहती थी। लिहाजा उनका कहीं आना जाना नहीं होता था। ऐसे में उस समय संघ या भाजपा का कोई भी बड़ा पदाधिकारी या नेता गोरखपुर आता था तो बड़े महाराज से मिलने का समय निकाल ही लेता था। इसी क्रम में सुदर्शन जी का गोरखनाथ स्थित मठ में आना हुआ।
एक रिपोर्टर के रूप में मैं भी वहां मौजूद था। इत्तफाक से बड़े महाराज के उस कमरे में मेरी भी इंट्री भी हो गई जिसमें मुलाकात होनी थी। पेन और डायरी निकालकर मैं एक कोने में सिमट कर लगभग समान उम्र के दो महत्वपूर्ण महापुरुषों की बात सुनने लगा।
बातें स्वास्थ्य को लेकर हुई। सुदर्शन जी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य थे। बड़े महाराज तब कुछ भूलने लगे थे। हर दम की तरह उनकी बात के केंद्र में विशाल हिंदू समाज की एकता और अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण पर केंद्रित रही। इस दौरान उन्होंने कई बार राम मंदिर का जिक्र किया।
यह संस्मरण इस बात का प्रमाण है कि राम मंदिर उनके जीवन भर का वह सपना था जो उनके दिलो दिमाग पर अमिट रूप से चस्पा हो गया था। वह चाह रहे थे कि उनके जीते जी वहां भव्य राम मंदिर बन जाए।
पर दैव की मर्जी के आगे किसकी नहीं चलती। लेकिन गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है की आत्मा अजर अमर होती है। यकीनन बड़े महाराज की आत्मा अयोध्या में अपने सपनों का राम मंदिर बनते देख बेहद खुश होगी। तब तो और भी जब पीढ़ियों के संघर्ष के बाद यह काम उनके ही शिष्य मौजूदा गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही देख रेख में हो रहा है।

फजीहत में संजय सिंह, महेंद्र सिंह पर लगाए थे झूठे आरोप, जुर्माना

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता डॉ महेंद्र सिंह की पॉज़िटिव न्यूज़ रेटिंग जबरदस्त तरीके से बढ़ी है जबकि आप नेता संजय सिंह की फजीहत हो गयी है। दिल्ली आबकारी नीति मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को लखनऊ की एक अदालत से तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने पूर्व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा दाखिल  मानहानि वाद में संजय सिंह पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि भाजपा नेता डॉ महेन्द्र सिंह के विरुद्ध टिप्पणियों को तत्काल सभी सोशल मीडिया अकाउंट से  हटाया जाए। सिविल जज सीनियर डिवीज़न ने फ़ैसला सुनाया।
दरअसल दो साल पहले उत्तर प्रदेश के तत्कालीन जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने झूठे आरोप लगाने के मामले में लखनऊ कोर्ट में मानहानि का मुक़दमा दर्ज किया था। कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में संजय सिंह पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर निराधार आरोप लगाना संजय सिंह की आदत बन गई है। वे अपने आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं पेश कर पाए हैं, जबकि महेंद्र सिंह बीजेपी के एक ज़िम्मेदार नेता हैं और उनकी छवि एक सम्मानित राजनेता की है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि संजय सिंह अगर दो महीने के भीतर एक लाख रुपये का जुर्माना नहीं चुकाते हैं तो उन्हें फ़ैसले की तारीख़ से 6% ब्याज सहित जुर्माना देना होगा।

दक्षिण भारत की मीडिया में छाए योगी आदित्यनाथ

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एनआरपी डेस्क

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेलंगाना विधानसभा चुनाव प्रचार को दक्षिण भारत के अखबारों और न्यूज़ चैनलों ने हाथोहाथ लिया। तेलगु के अधिकतर चैनलों ने यूपी सीएम के प्रचार और रोडशो की लाइव कवरेज भी की। वहीं उनके स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

 

ओटीटी प्लेटफ़ार्म पर योगी आदित्यनाथ की धूम

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। ओटीटी और डिजिटल प्लेटफोर्मस् पर भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा बरकरार है। आज हमने ‘आज की खबर’ के यूट्यूब चैनल की पड़ताल की। इस प्लेटफॉर्म पर योगी आदित्यनाथ के लाइव और खबरों को पर्याप्त जगह दी गयी है। देखिए कुछ झलकियाँ।

लाखों दीयों की रोशनी ने फिर दर्ज कराया विश्व रिकार्ड, विभिन्न भाषाओं में लाइव कवरेज

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एनआरपी डेस्क
लखनऊयूँ तो दीये जलाने का एक बार फिर विश्व रिकार्ड बनने के चलते अयोध्या की चर्चा विश्व में हुई। लेकिन ये देश का एक ऐतिहासिक उत्सव रहा। अयोध्या दीपोत्सव 2023 में पहले 18 लाख 81 हजार दिए जलाए जाने का रिकॉर्ड था, जिसे तोड़ते हुए इस बार के दीपोत्सव कार्यक्रम में 22 लाख 23 हजार दीये जलाए जाने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है। रिकॉर्ड बनने पर सीएम योगी आदित्यनाथ को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया है। हिन्दी अंग्रेज़ी चैनल ही नही बल्कि देश की विभिन्न भाषाओं में इस कवरेज को तरजीह दी गयी।

 

 

विधानसभा में शर्मनाक भाषा बोलने से नितीश कुमार की फजीहत

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एनआरपी डेस्क

लखनऊ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर जो बयान दिया, उस पर बवाल मच गया है. महिला आयोग से लेकर आम लोग तक सभी उनकी काफी निंदा कर रहे हैं. NCW ने नीतीश कुमार से देश की महिलाओं से तत्काल माफी मांगने को कहा है. साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग उनके बयान को लेकर काफी भड़क रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने ये बात बेहद गलत तरीके से कही है. कुछ लोग बयान को अश्लील बता रहे हैं. जबकि कुछ का कहना है कि नेता विधानसभा में खड़े होकर इस तरह के बयान कैसे दे सकते हैं.

‘सर्वेंट’ ब्रजेश पाठक को अखबारों, न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया ने हाथोंहाथ लिया

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की जबानी भिड़न्त जबरदस्त चर्चा में रही। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्विटर) पर अपने नाम के आगे सर्वेंट लिखकर ब्रजेश पाठक ने मास्टर स्ट्रोक मार दिया। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इसकी जबरदस्त चर्चा हुई।

ब्रजेश पाठक ने ट्विटर पर खुद को सर्वेंट ब्रजेश पाठक लिखा. उन्होंने अपने नाम के आगे सर्वेंट (नौकर) लगा लिया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ब्रजेश पाठक को ‘सर्वेंट डिप्टी सीएम’ कह दिया था। जिसके बाद पाठक ने जवाब देते हुए कहा कि जनता का नौकर होना उनके लिए गर्व की बात है। दरअसल, ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के लखनऊ के जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) का गेट फांदने को लेकर तंज कसा था। पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी को अराजकता और गुंडई पसंद है, ये बात सपा मुखिया के आचरण से भी सिद्ध हो गई। इसके साथ ही ब्रजेश पाठक ने अखिलेश को एशियन गेम्स में जाकर भारत के लिए मेडल लाने की भी नसीहत दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि वो (अखिलेश) कूदने में अच्छे हैं हीं।

डिप्टी सीएम के इस बयान पर जब अखिलेश यादव से सवाल पूछा गया तो को उन्होंने कटाक्ष करते हुए ब्रजेश पाठक को ‘सर्वेंट डिप्टी सीएम’ कह दिया। अखिलेश ने कहा- हम सर्वेंट डिप्टी चीफ मिनिस्टर की बातों का जवाब नहीं देते. क्योंकि अगर कोई जिम्मेदार है तो वो सिर्फ सीएम हैं।

JPNIC : मीडिया, सोशल मीडिया में हीरो बने अखिलेश यादव

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर JPNIC के बाहर ताला लगा दिया। टीन जड़ दी थी। पुलिस लगा दी गयी लेकिन पुलिस का घेरा तोड़ दीवार फांद कर अखिलेश यादव ने जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। पूरे देश की मीडिया और सोशल मीडिया में अखिलेश यादव जबरदस्त छाए रहे। गुरुवार को अखबारों ने भी इसे प्रमुखता से छापा।

लखनऊ में समाजवादी पार्टी और प्रशासन के बीच संग्राम छिड़ा। एलडीए के सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अखिलेश यादव के JPNIC जाने से रोके जाने पर सपाई आंदोलित हो गए। सुबह पार्टी नेता रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में जेपीएनआईसी पर सपाइयों का धरना हुआ। गेट पर ताला लगा था और भारी फोर्स तैनात थी। इस बीच 11:50 बजे सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वहां पहुंचे। सौ से अधिक पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। टीन शेड की दीवार भी खड़ी थी लेकिन अखिलेश नहीं रुके। करीब आठ फीट ऊंचा गेट फांदकर वे अंदर पहुंच गए। उनके पीछे-पीछे कई अन्य सपाई भी जेपीएनआईसी के अंदर पहुंच गए। जेपीएनआईसी को लेकर समाजवादी पार्टी और मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार में 2017 से ही विवाद चल रहा है. जेपीएनआईसी अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था. इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने कई आरोप भी लगाए गए हैं. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कुछ चैनलों को इंटरव्यू भी जेपीएनआईसी का खस्ता हाल दिखाते हुए दिया था जिसके बाद मौजूदा एलडीए के कर्मियों पर कार्रवाई भी हुई थी.

क्यों द्वादश माधव मंदिरों को भूल गए? योगी याद दिलाएंगे!!

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नवल कान्त सिन्हा

लखनऊ। आपसे सवाल पूछा जाए कि क्या आप प्रयागराज के बारे में जानते हैं और अगर आपका जवाब हां में है। तो सवाल ये भी पूछा जा सकता है क्या आप द्वादश माधव मंदिरों के बारे में जानते हैं? सीमित संख्या होगी, जो इन सभी मंदिरों को जानता हो। यदि आप भी नही जानते तो जान लीजिए।

1 : वेणीमाधव : 

यह प्रयाग के नगर देवता हैं। इनका मंदिर दारागंज स्थित त्रिवेणी तट पर है।

2 : अक्षयवट माधव :

गंगा-यमुना के मध्य में यह विराजमान हैं।

3 : अनंत माधव :

दारागंज में अनंत माधव का प्राचीन मंदिर है।

4 : असि माधव :

नागवासुकी मंदिर के पास असि माधव वास करते हैं।

5 : मनोहर माधव :

जानसेनगंज में मनोहर माधव का मंदिर है।

6 : बिंदु माधव :

द्रौपदी घाट के पास बिंदु माधव का निवास है।

7 : श्रीआदि माधव :

संगम के मध्य जल रूप में आदिमाधव विराजमान हैं।

8 : चक्र माधव :

प्रयाग के अग्नि कोण में अरैल में सोमेश्वर मंदिर के निकट स्थित हैं चक्र माधव।

9 : श्रीगदा माधव :

यमुना पार के क्षेत्र स्थित छिवकी रेलवे स्टेशन के पास गदा माधव का प्राचीन मंदिर है।

10 : पद्म माधव :

यमुनापार के घूरपुर से आगे भीटा मार्ग पर वीकर देवरिया ग्राम में स्थित हैं पद्म माधव।

11 : संकटहर माधव :

झूसी में गंगा तट पर वटवृक्ष में संकटहर माधव का वास है।

12 : शंख माधव :

झूसी के छतनाग में मुंशी के बगीचे में शंख माधव की स्थली मानी जाती है।

इन मंदिरों का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के द्वादश माधव मंदिरों के कायाकल्प का निर्णय किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी पर्यटन विभाग प्रयागराज के सभी माधव मंदिरों के विकास को लेकर पूरा रोड मैप तैयार कर चुका है। हाल ही में पर्यटन विभाग की ओर से इससे संबंधित प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद सीएम योगी ने आगामी महाकुंभ से पहले द्वादश माधव मंदिरों के कायाकल्प के लिए विभाग को निर्देशित किया है।

दरअसल भगवान माधव प्रयागराज के प्रधान देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इनके द्वादश (बारह) स्वरूप प्रयाग में प्रतिष्ठित हैं। पौराणिक मान्यता है कि प्रयागराज में संगम की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने द्वादश स्वरूप धारण किए थे। मत्स्य पुराण में लिखा है कि द्वादश माधव परिक्रमा करने वाले को सारे तीर्थों व देवी-देवताओं के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। महर्षि भारद्वाज सहित अनेक ऋषि-मुनि इसकी परिक्रमा करते रहे हैं। मगर मुगल और ब्रिटिश काल में ये द्वादश मंदिर दुर्दशा जा शिकार हो गए। आजादी के बाद भी इन्हें लेकर सरकारों में उदासीनता ही रही।

पहले चरण में नौ माधव मंदिरों का कायाकल्प किया जाएगा। इसमें झूसी स्थित संकष्टहर माधव और शंख माधव, द्रौपदी घाट स्थित बिंदु माधव, चौफटका स्थित अनंत माधव, चौक स्थित मनोहर माधव, बीकर गांव स्थित पद्म माधव, छिंवकी स्थित गदा माधव और अरैल स्थित आदिवेणी माधव तथा चक्र माधव मंदिरों को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है।