एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे शुरू होते ही गहरू चौराहे पर जाम बढ़ना तय माना जा रहा है। क्योंकि जो वाहन बीच-बीच में दही चौकी से डायवर्ट किए जाते हैं, वह सीधे मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने शुरू हो जाएंगे। यही नहीं ऊपर एक्सप्रेस वे की एलीवेटेड रोड होगी, नीचे पुराना लखनऊ-उन्नाव-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग। आधा किलोमीटर दूरी पर आउटर रिंग रोड और पिपरसंड मार्ग से आने वाली भीड़ इसी जंक्शन पर आकर रुकेगी। रोड इंजीनियरिंग के जानकार इस जंक्शन पर लगने वाले जाम को लेकर सक्रिय नहीं है। ऐसे में जून से लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे शुरू होने पर यहां जाम लगना तय माना जा रहा है, क्योंकि आउटर रिंग रोड पर वाहनों की संख्या भी 20 से 30 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इससे गहरू चौराहे का हाल भी आलमबाग के अवध चौराहे की तरह हो सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग से फर्राटा भरने वाले वाहन जितना समय राजमार्ग पर बचाएंगे, उतना जाम में फंसकर गहरू चौराहे पर खराब भी कर देंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) राजधानी के चारों ओर 105 किमी. की आउटर रिंग रोड बनाने के बाद, उसे सीसी कैमरे से लैस कर रही है। जगह-जगह आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोगनाइजेशन (एएनपीआर), माती के पास पुलिस चौकी व प्राथमिक उपचार की सुविधा बढ़ा दी है।



