लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश बख्शी का तालाब के अस्ती गांव से कुकरैल नदी के उदगम स्थल को दोबारा प्राकृतिक स्वरुप देने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा 1.48 करोड की लागत से करवाए जा रहे कार्य को देखने के लिए बृहस्पतिवार को डीएम विशाख जी अस्ती गांव पहुचे।डीएम सिंचाई विभाग के काम से यहां पर बेहद नाराज हुए। मौके पर सिचाई विभाग के मौजूद अधिकारियों से जानकारी लिया लेकिन स्थलीय निरीक्षण में दावे की हकीकत उजागर हो गई। अस्ती गांव में कुकरैल नदी के उदगम स्थल पर केवल तालाब खुदाई का काम ही करवाया गया। इसके बाद यहां पर कोई काम नही हुआ। ड्रेन की खुदाई का जो काम हुआ वह भी जैसे के तैसे पडा हुआ है। आउटर रिंग रोड ने ड्रेन का रास्ता बंद कर दिया। जो पुलिया पडी है वह उचाई पर है इसलिए ड्रेन का पानी इससे होकर आगे नही जा सकता है। यह ड्रेन आगे जाकर मलाक गांव होते हुए कुकरैल वन विभाग के तालाब तक पहुचती है। यहां पर जो 48 लाख रुप्ए खर्च करके काम करवाया गया वह संतोषजनक नही है। इसकी क्रास चेकिंग करने के लिए उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। डीएम विशाख जी ने एसडीएम सतीश चन्द्र त्रिपाठी को निर्देशित किया कि शुक्रवार से तीन लेखपालो की एक टीम बनाएं। यह टीम ड्रेन के बीच आने वाली सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटवाने का काम करेगी। यह काम जितनी जल्दी हो सके पूरा कर लिया जाए।
जिंदा होंगे कुएं-तालाब तो कलकल बहेगी कुकरैल : NBT
एनआरपी डेस्क



