HIT ** (News Rating Point)
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कौशांबी से बीएसपी विधायक इंद्रजीत सरोज को विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाए जाने के निर्णय की खबरों ने उन्हें इस सप्ताह हिट रेटिंग में स्थान दिलाया. बहुजन समाज पार्टी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले बसपा अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को एक अहम फैसले में लखनऊ समेत कई मण्डलों के कोआर्डिनेटर इंद्रजीत सरोज को कोआर्डिनेटर पद से हटा दिया था. हालांकि ऐसी खबरें की केवल अख़बारों तक ही सीमित रहीं. आधिकारिक तौर पर निर्णय नहीं हो पाया. अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा था. इंद्रजीत सरोज कौशांबी जिले की मंझनपुर विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैें. इंद्रजीत बसपा शासनकाल मे कैबिनेट मंत्री भी रहे हैें. कांशीराम और बीआर अंबेडकर को अपना आदर्श मनाने वाले इंद्रजीत सरोज बेहद ही गरीब परिवार मे पैदा हुए. बेहद ही तंगहाली मे स्नातक के पढ़ाई करने के बाद इंद्रजीत सरोज कांशीराम के मिशन से जुड़ गए. बसपा का गठन हुआ तो उन्हें कौशांबी की मंझनपुर सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला. यहीं से इंद्रजीत सरोज का राजनैतिक सितारा चमका और वह विधायक बने. विधायक बनने के बाद दलित समाज मे इंद्रजीत का कद बढ़ गया. उनके बढ़ते जनाधार को ध्यान मे रखते हुए मायावती ने अपनी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया. सरोज को बाल विकास पुष्टाहार और समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौपी गईे. इसके बाद इंद्रजीत सरोज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक के बाद एक लगातार चार बार मंझनपुर से विधायक चुने गए.