Jagat Prakash Nadda BJP

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FLOP *** (News Rating Point) 28.02.2014
पूरे देश में फैले स्वाइन फ़्लू और उससे हो रही मौतें, भ्रष्टाचार को लेकर कोर्ट की नोटिस… कुछ ऐसी निगेटिव खबरों के चलते जेपी नड्डा टीवी और अखबारों में नज़र आये. नवभारत टाइम्स ने लिखा- दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर हेल्थ मिनिस्ट्री, हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा और एम्स को नोटिस जारी किया है. इसमें याचिकाकर्ता ने एम्स में अनियमितता और करप्शन का आरोप लगाया है और सीबीआई जांच की मांग की है. हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की बेंच ने इस मामले में सेंट्रल विजिलेंस कमिशन और संजीव चतुर्वेदी को भी जवाब दाखिल करने को कहा है.
एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी रहे संजीव चतुर्वेदी ने इस मामले में सवाल उठाए थे.अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है. नई दुनिया ने लिखा- अदालत में याचिकाकर्ता ने जेपी नड्डा पर एम्स में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच प्रभावित कराने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से मांग की है कि संबंधित मामलों में बतौर मंत्री फैसला लेने के उनके अधिकार पर रोक लगा दी जाए. दैनिक जागरण ने लिखा- सेंटर फॉर पब्लिक इंटररेस्ट लिटिगेशन (सीपीआइएल) ने यह जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने मांग की है कि एम्स में सीवीओ की नियुक्ति की फाइल गायब होने के मामले की सीबीआइ जांच हो. इसके अलावा याचिका में आरोप लगाया है कि संजीव को पद से हटाने के लिए जेपी नड्डा ने सरकार को कई पत्र लिखे थे. इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी, इसकी भी सीबीआइ जांच कराने का निर्देश दिया जाए. प्रभात खबर ने लिखा- अस्पताल में भ्रष्टाचार व गड़बड़ी के इन मामलों को एम्स के पूर्व सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने उठाया था. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आरएस एंडला ने केंद्रीय सतर्कता आयोग और संजीव चतुर्वेदी को भी नोटिस जारी कर उनसे 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है. वकील और आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर उन सभी मामलों की नये सिरे से जांच कराने की मांग की थी, जिन्हें चतुर्वेदी ने पद से हटाये जाने से पहले शुरू किया था.
इसके अलावा देश में फैला स्वाइन फ़्लू जेपी नड्डा को खबरों में बनाए हुए. इसके लिए उन्हें बयान भी देना पड़ा. अखबारों ने छापा- इसे कवरेज भी मिली. देश में स्वाइन फ्लू के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि पर विभिन्न दलों द्वारा जताई गई चिंता के बीच केंद्र ने आज कहा कि इसको लेकर घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है. सरकार ने एच1एन1 वायरस से निपटने के लिए पर्याप्त दवाओं सहित सभी जरूरी सुविधाओं के होने का दावा करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में इसका निशुल्क परीक्षण और उपचार की व्यवस्था की गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि उनका मंत्रालय एच1एन1 एन्फ्लूएंजा की स्थिति पर गहन निगरानी रखे हुए है. हम प्रभावित राज्यों के लगातार सम्पर्क में हैं और इस मौसमी एन्फ्लूएंजा के प्रभाव को रोकने के लिए राज्यों को दिशा निर्देश जारी किये गए हैं. नड्डा ने कहा कि हम दवा के स्टाक की स्थिति के बारे में राज्य सरकारों के साथ नियमित आधार पर जायजा ले रहे हैं और यदि राज्य सरकारों को अतिरिक्त जरूरतें होती है तो इसकी पूर्ति भी की जाएगी. इकोनोमिक टाइम्स ने लिखा- When health and family welfare minister JP Nadda rose on Tuesday to make his first statement in Parliament on seasonal flu, there were direct comparisons with how senior minister Sushma Swaraj handled India’s first major medical crisis – Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS) -in 2003. As health and family welfare minister, Swaraj is said to have kept a hawk’s eye on the SARS situation. A senior official closely associated with Swaraj during the SARS outbreak recalled how the minister took multiple briefings from officials, visited hospitals and inspected arrangements for quarantined patients. “Handling an epidemic-proportion syndrome is also about creating public awareness and handling the media.

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