FLOP ***** (News Rating Point) 02.05.2015
देश का शायद ही कोई ऐसा चैनल होगा या फिर अखबार जिसमें जीतेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री की कहानी न छापी हो… किसी मंत्री और खासतौर पर क़ानून मंत्री के लिए इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता था. तकरीबन सभी अखबारों और चैनलों ने इस खबर को लिया कि तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने जितेंद्र के लॉ की डिग्री को फर्जी बताया है. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर की गई जांच में तिलकामांझी यूनिवर्सिटी ने कहा कि जितेन्द्र सिंह तोमर की लॉ की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है. यूनिवर्सिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया गया कि कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता जितेन्द्र सिंह तोमर की ओर से पेश लॉ का प्रोविजनल सर्टिफिकेट फर्जी है. साथ ही कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में जितेंद्र सिंह तोमर नाम से कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है. जांच में पता चला है कि तोमर ने 18 मई 2001 के रजिस्टार राजेंद्र प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर से जारी लॉ का प्रोविजनल सर्टिफिकेट नंबर 3687 को अपना दिखाया है. यह सर्टिफिकेट संजय कुमार चौधरी के नाम से जारी है. कांग्रेस और बीजेपी ने ‘आप’ सरकार के कानून मंत्री का इस्तीफा मांगा है.
आगे की खबर अमर उजाला ने छापी. अमर उजाला के अनुसार, दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की एलएलबी ही नहीं बीएससी की डिग्री भी फर्जी पाई गई है. फर्जी डिग्री लेने का खेल सबसे पहले यहां साकेत महाविद्यालय से शुरू हुआ है. जांच के बाद अवध विश्वविद्यालय ने जनवरी में ही बीएससी की डिग्री को फर्जी करार दे दिया था. बाद में दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने विधि की अपनी डिग्री को लेकर उत्पन्न विवाद पर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा और कहा कि डिग्री फर्जी होने का आरोप ”आधारहीन” है.
(ज़्यादातर अखबारों, चैनलों और वेबसाइट्स ने इस खबर को प्रमुखता दी.)